मुंबई

हे भगवान इंसान नहीं बिल्लियों का खौफ

मुंबई में बिल्लियों ( Cats ) के आतंक ( Terror ) को रोकने के लिए जनवरी 2020 ( January 2020 ) से मुंबई मनपा ( Mumbai Munciple ) ने बिल्लियों की नसबंदी ( Sterilization ) करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मनपा ने चार संस्थाओं ( Four Institution) का चुनाव (Election) किया है। इस कार्य के तहत नर बिल्लियों की नसबंदी के लिए 800 रुपए और मादा की नसबंदी के लिए मनपा एक हजार रुपए खर्च करेगी।

मुंबईDec 13, 2019 / 11:43 am

Dheeraj Singh

हे भगवान इंसान नहीं बिल्लियों का खौफ

पत्रिका न्यूज नेटवर्क

मुंबई. कुत्तों के जैसे मुंबई में बिल्लियों के आतंक को रोकने के लिए जनवरी 2020 से मुंबई मनपा ने बिल्लियों की नसबंदी करने का निर्णय लिया है। इसके लिए मनपा ने चार संस्थाओं का चुनाव किया है। इस कार्य के तहत नर बिल्लियों की नसबंदी के लिए 800 रुपए और मादा की नसबंदी के लिए मनपा एक हजार रुपए खर्च करेगी। इसके कारण बिल्लियों से होने वाली परेशानियों और गंदगियों पर लगाम लगेगी।
मुंबई में आवारा कुत्ते के जैसे आवारा बिल्लियों से भी बहुत परेशानी हो रही है। कुत्तों के काटने के कारण जानलेवा रेबीज बीमारी होती है। इसलिए इनकी नसबंदी का काम निजी संस्थानों के माध्यम से किया जा रहा है। जिससे लोगों को थोड़ी राहत मिली है। पर बिल्लियों की बढ़ती जनसंख्या से लोग परेशान हैं। आवारा बिल्लियों के मल से फैलने वाली दुर्गंध और बीमारियों के बारे में लोग मनपा से शिकायत कर रहे हैं। इस संबंध में शिवसेना के नगरसेवक और बेस्ट समिति के अध्यक्ष अनिल पाटणकर की ओर से मनपा सभागृह में पेश किए गए प्रस्ताव को मंजूरी मिल गई है। मनपा के देवनार पशुवध गृह के अधिकारी डॉ. योगेश शेट्ये ने बताया कि अब सभी आवश्यक मंजूरी मिल जाने के बाद आगामी जनवरी माह से बिल्लियों की नसबंदी का कार्य शुरू किया जाएगा।

ऐसे होगा काम
बिल्लियों की नसबंदी कार्यक्रम को क्रियान्वित करने के लिए कुल सात इच्छुक संस्थाओं में से चार संस्थाओं को मनपा ने कार्य के लिए चुना है।
मुंबई में चार जगह नसबंदी का काम किया जाएगा। इसके तहत आवारा बिल्लियों को पकड़ना,नसबंदी करना, उसके बाद सप्ताह पर उनकी देखभाल करना और दोबारा जहां से पकड़ा गया है उस जगह से छोड़ना।

किस जगह होगी नसबंदी
मुंबई वेटरनरी कॉलेज, परेल
इन डिफेन्स ऑफ एनिमल्स, गोवंडी
यूनिवर्सल एनिमल वेलफेयर सोसायटी, मालाड
एनिमल एंड बर्ड केयर एंड एडवांस रीसर्च सेंटर, गोरेगांव


ध्यान रहे कि बिल्ली एक वर्ष में दो से तीन बार चार से अधिक बच्चों को जन्म देती है। इसके हिसाब से वर्ष में तकरीबन 20 प्रतिशत बिल्लियों की संख्या बढ़ रही है। इससे इनका आतंक बहुत बढ़ रहा है। इसलिए बिल्लियों का समावेश एनिमल बर्थ कंट्रोल में किया जाए इसके लिए मनपा ने भारतीय पशु कल्याण मंडल से अनुमति मांगी थी। यह अनुमति मिलने के बाद बिल्लियों की नसबंदी करने का रास्ता साफ हो गया है।

 

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