scriptomg: लोगों ने फाड़ डालीं लोकल की 15 सौ सीटें | omg: People tore up 150 seats of local | Patrika News

omg: लोगों ने फाड़ डालीं लोकल की 15 सौ सीटें

locationमुंबईPublished: Oct 05, 2019 07:17:12 pm

Submitted by:

Arun lal Yadav

इस कारण रेलवे को हर साल हो रहा 25 लाख रुपए का नुकसान

omg: लोगों ने फाड़ डालीं लोकल की 15 सौ सीटें

omg: लोगों ने फाड़ डालीं लोकल की 15 सौ सीटें

अरुण लाल
मुंबई. सेंट्रल रेलवे की परेशानी बढ़ाते हुए अज्ञात लोगों ने पिछले दो महीने में 250 सीट और एक वर्ष में मुंबई लोकल की 15 सौ सीटों को फाड़ दिया है। इससे रेलवे की परेशानी बढ़ गई है। रेलवे को इससे हर वर्ष लगभग 25 लाख रुपए का नुकसान हो रहा है।
गौरतलब है कि लोकल ट्रेनों की प्रथम श्रेणी के डिब्बों में बैठने के लिए बनाई गई सीटें द्वितीय श्रेणी की सीटों से अलग हैं। प्रथम श्रेणी के डिब्बे की सीटों में फोम लगाए गए हैं। यात्रियों की सुविधा के लिए लगाई गईं यह सीटें रेलवे की परेशानी का सबब बनी हुई हैं।


सीट फाडऩे के लिए ब्लेड का इस्तेमाल

omg: लोगों ने फाड़ डालीं लोकल की 15 सौ सीटें
सबसे ज्यादा ठाकुर्ली और वांगणी की स्टेबलिंग लाइन (जहां लोकल गाडिय़ां खड़ी होती हैं) अवांछित तत्व सीटों को ब्लेड से फाड़़ रहे हैं। बीते दो महीनों में 250 से ज्यादा सीटें फाडी़ गई हैं। इन सीटों की दशा इतनी खराब कर दी गई है कि यात्री इन पर बैठ भी नहीं सकते।

प्रशासन से शिकायत
नाराज यात्रियों की ओर से सेंट्रल रेलवे के पास शिकायतें मिल रही हैं। लेकिन, प्रशासन अभी तक दुर्घटना के सही स्थान और ठिकाने की जांच नहीं कर पाया है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि पिछले वर्ष लगभग 15 सौ सीटें फाड़ी गई थीं। बता दें कि अंबरनाथ, टिटवाला, कर्जत, खोपोली, कसारा, बेलापुर, वाशी, पनवेल, वांगानी, ठाकुरली में लोकल गाडिय़ां रात भर खड़ी रहती हैं।
आरपीएफ की गश्त बढ़ाई

omg: लोगों ने फाड़ डालीं लोकल की 15 सौ सीटें
रेलवे ने उक्त जगहों पर आरपीएफ के जवानों की गश्त बढ़ाई है। बावजूद इसके सीट फाडऩे से जुड़ी शिकायतों में कमी नहीं आई है। सेंट्रल रेलवे के सीपीआरओ शिवाजी सुतार ने कहा कि अज्ञात लोग ट्रेनों की सीटें फाड़ रहे हैं। इससे यात्रियों को असुविधा हो रही है और ट्रेनों को भी नुकसान हो रहा है। हम इस मामले की गंभीरता से जांच कर रहे हैं। हमने ठाकुर्ली और वांगणी में आरपीएफ के जवानों को भी तैनात किया है।
हर सीट पर दो हजार तक का खर्च
प्रथम श्रेणी के डिब्बे की सीट को तैयार करने के लिए दो कर्मचारी काम करते हैं। एक सीट के कवर की कीमत 500 से 700 के बीच होती है। ऐसे में हर सीट में एक हजार से 15 सौ रुपए खर्च होते हैं। इसके अलावा हर ट्रेन का मेंटीनेंस का दिन तय होता है। पर, जब सीट फट जाती है तो उस डिब्बे की मरम्मत के लिए अलग से प्लानिंग करनी पड़ती है। इससे रेलवे को काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो