मुंबई

संस्कारिक नई पीढ़ी व व्यापारिक जरूरतों से उपजा संगठन का वट वृक्ष, बांट रहे सेवा फल

संगठन में शक्ति: मिट्टी से जुड़े सांस्कृतिक आयोजनों से बदलाव की बयार, व्यापारिक सहयोग की भावना प्रबल हुई

मुंबईFeb 14, 2019 / 11:51 pm

arun Kumar

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सांस्कृतिक जागरण है राजस्थानी सेवा संघ कांदिवली (पूर्व) का लक्ष्य
विजय यादव ; मुंबई.
राजस्थानी लोक संस्कृति-रीति रिवाजों से दूर आकर मुंबई में बसे प्रवासियों के लिए अपनी माटी की सुगंध को बनाए रखना कम चुनौती भरा काम नहीं था। पब कल्चर के बीच नई पीढ़ी को सुस्कारित बनाने से लेकर प्रतिस्पर्धी व्यवसायिक दुनिया में अपने कदम भी जमाने थे, सो कुछ नींव के पत्थर इसमें महत्व की भूमिका निभा गए और धीरे-धीरे प्रवासी राजस्थानी समाज का एक संगठन तैयार हुआ। करीब दो दशक पहले मई 1999 में राजस्थानी सेवा संघ, कांदिवली (पूर्व) की स्थापना वेदप्रकाश गोयल के सान्निध्य में हुई थी।
संस्था के गठन के मुख्य उद्देश्य थे मुंबई में प्रवासी राजस्थानियों की मुंबई में जन्मी व पली-बढ़ी पीढ़ी को राजस्थान के गौरवपूर्ण इतिहास व संस्कृति से परिचय कराया जाए ताकि राजस्थानी समाज की सामाजिक चेतना को जीवित रखा जा सके। इस बड़े उद्ेश्य को लेकर संस्था के लोग जब साथ आए तो कई महत्व के काम होते चले गए। महानगरीय वातावरण और आधुनिकता के चलते समाज में अंतरजातीय विवाह की प्रवृत्ति को रोकना, समाज के समक्ष चुनौती थी, जिस पर मजबूती से समाज खड़ा हुआ। संस्था ने प्रवासी राजस्थानियों के लिए एक ऐसा मंच बनाया जहां निश्चित अन्तराल पर समाज के लोग और युवा परस्पर मिलते रहें। समाज में आपसी सहयोग की वृद्धि के लिए कोशिश की गई जिससे रोजगार एवं अन्य जरूरतों को पूरा करने के लिए किसी अन्य के आगे याचना नहीं करनी पड़े, समाज को इस उद्ेश्य में भी बड़ी सफलता मिली। व्यापार कारोबार में सभी एक दूसरे के सहयोग के लिए तत्पर हुए हैं। संगठन इसके अलावा राजस्थानी संस्कृति के प्रचार प्रसार के लिए विभिन्न आयोजन कर अन्य समुदायों को राजस्थानी परंपराओं से अवगत कराने में भी सफल हुआ है।
बाढ़ पीडि़तों की सेवा मेें थे आगे

संस्था के नियमित आयोजनों में श्रावणी तीज महोत्सव के माध्यम से राजस्थानी समाज की महिलाओं की ओर से निर्मित उत्पादों की प्रदर्शनी का आयोजन महिला समिति करती है। पश्चिमी उपनगर में दशहरे के दिन रावण दहन की परंपरा भी इसी संस्था ने शुरू की। दीपावली के दूसरे दिन नववर्ष पर गोवर्धन पूजा, दीवाली स्नेह सम्मलेन में संस्था की ओर से आयोजित किया जाने वाला राजस्थानी मेला आकर्षण का केन्द्र होता है। प्रतिभाशाली बच्चों का सम्मान, होलिका दहन आदि कार्यक्रम संघ की प्रमुख गतिविधियों में शामिल है। संस्था की ओर से वर्ष 2003 में स्वामी भरतदासाचार्य के सान्निध्य में विशाल श्री लक्ष्मीनारायण यज्ञ व भागवत कथा का आयोजन किया गया था। ठाकुर कॉम्प्लेक्स व बोरीवली में बाबा रामदेव के योग शिविर के आयोजन और साध्वी ऋतंभरा के व्यासत्व में श्रीराम कथा का आयोजन किया गया। संस्था ने 26 जुलाई 2005 को मुंबई में हुई भीषण बारिश से उत्पन्न बाढ़ में बड़े पैमाने पर बाढ़ पीडि़तों की मदद की। संस्था की ओर से प्रतिवर्ष केन्द्रीय बजट का विश्लेषण आर्थिक विशेषज्ञों की उपस्थिति में किया जाता है। लगभग 800 सदस्य संख्या वाले इस सामाजिक संगठन की एक विशेषता यह है कि प्रारंभ से अब तक संस्था के पदाधिकारियों को बदलने के लिए चुनाव की नौबत नहीं आई।
युवाओं को जोडऩे के लिए क्रिकेट भी

आगामी मार्च में युवाओं के लिए क्रिकेट प्रतियोगिता होगी। संस्था से युवाओं को जोडऩे के लिए रोजगारोन्मुख शैक्षणिक व व्यावसायिक प्रशिक्षण कार्यक्रम सीए रोशन गोयनका और रिया उत्तम अग्रवाल के नेतृत्व में शीघ्र ही अभियान प्रारंभ होने वाला है। संस्था का अपना कार्यालय डिंपल आर्केड, आशानगर कांदिवली (पूर्व) में है जहाँ संस्था के पधाधिकारी नियमित मिलते रहते हैं। संघ के अध्यक्ष उत्तम प्रकाश अग्रवाल के अनुसार निकट भविष्य में संस्था एक सामुदायिक भवन निर्माण करने के प्रयास में हैं जहाँ शादी-विवाह व अन्य कार्यक्रम आसानी से संपन्न हो सकें।

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