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मैया मोरी मैं नहीं मोबाइल पायो, ग्वाल बाल सब गेम हैं खेलत मोहे दूर भगायो…

locationमुंबईPublished: Apr 25, 2019 06:01:42 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

अखिल भारतीय अग्निशिखा मंच एवं जनिका काव्य मंच की विशेष गोष्ठी सम्पन्न

कवि संगोष्ठी का आयोजन

कवि संगोष्ठी का आयोजन

मुंबई. अग्निशिखा मंच की अध्यक्ष अलका पांडेय के निवास स्थान कोपर खैरने में विशेष कवि संगोष्ठी का आयोजन किया गया, जिसमें साहित्यकार हेमलता मानवी (नागपुर) कवियित्री सरोज शर्मा (दिल्ली) के स्वागत में रखे गए कार्यक्रम की शुरुआत लघु-कथाकार सेवा प्रसाद की अध्यक्षता में की गई। सरस्वती वंदना हेमलता मानवी एवं मंच संचालन युवा साहित्यकार पवन तिवारी ने किया। वसंत के सुंदर गीत से वंदना श्रीवास्तव ने शुरुवात की तो रजनी साहू ने गीत गाकर अपनी प्रस्तुति दी, तथा अजय बनारसी ने बटन पर एक बेहतरीन रचना सुनाई कविता राजपूत ने (आहिस्ता आहिस्ता चलना आ ही गया) गजल सुनाई तो अलका पाण्डेय ने (मैया मोरी मैं ना ही मोबाईल पायो, ग्वाल बाल सब गेम है खेलत मोहे दूर भगायो, मैया मोरी में नही मोबाईल पायो) हरीश शर्मा यमदूत ने अपनी व्यंगात्मक रचनाओं से उपस्थित लोगों को जमकर हँसाया, विशंभर दयाल तिवारी ने सुंदर गीत सुनाकर तालियां बटोरी। सतीश शुक्ला ने व्यंग,भारत भूषण ने एक प्रश्न पुछता हूँ, तो नंदलाल थापर ने (नीर से निर्मल हो जाओ नर तुम तो सम्मान तुम्हारा है) मंजू गुप्ता व दिलशाद ने गजल सुनाई, तो अशोक पाण्डेय ने अपना भाव व्यक्त किया, जबकि पवन तिवारी ने गीत व गजल, सरोज शर्मा ने महिला सशक्तिकरण पर कविता एवं हेमलता मानवी ने गांधारी को ललकारा व विक्रम सिंह ने नए जमाने की कविता सुनाई। वहीं सेवासदन ने अपनी कविता के माध्यम से गांव की सैर करा दिया, वो गाँव का ठीठोना व पीपल की छांव और कही नही ठाव गीत सुनाकर बचपन की याद को ताजा करा दिया। आभा दवे को उनके उत्कृष्ट कार्यों के लिए सम्मान किया गया तथा हेमलता मानवी व सरोज शर्मा का सम्मान अलका पाण्डेय के हाथों किया गया। सेवा सदन का स्वागत पवन तिवारी ने किया और आभार आभा दवे ने ब्यक्त किया।

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