मुंबई

पनवेल में भीषण जल संकट, नागरिक बेहाल

नवी मुंबई मनपा के जलाशय में पर्याप्त पानी, पनवेल ग्रामीण में मचा है हाहाकार

मुंबईMay 17, 2019 / 05:31 pm

Devkumar Singodiya

पनवेल ग्रामीण में मचा है हाहाकार

नवी मुंबई. एक तरफ बढ़ती गर्मी की तपन, और इस भीषण गर्मी में पानी की किल्लत से पनवेल परिसर में रहने वाले नागरिक बेहाल हैं। पनवेल महानगर पालिका क्षेत्र के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में पानी के लिए हाहाकार मचा हुआ है, शहरी भाग को छोड़ दिया जाए तो ग्रामीण भागों में पानी की भीषण संकट से जूझ रहे हैं लोग, पनवेल मनपा के जलाशय (डैम) में पानी बहुत कम बचा है, ऐसे में टैंकर के माध्यम से पानी की आपूर्ति की जा रही है। अगले माह जून में अगर समय पर बरसात नही हुई तो समस्या और भी विकट हो सकती है। जबकि नवी मुंबई महानगर पालिका के मोरबे बांध में अभी भी 11 सितंबर तक के लिए पानी का भंडार जमा है, इसलिए नवी मुंबई वासियों को फिलहाल पानी की अभी कोई समस्या नही है। यह अलग बात है कि बीच-बीच मे किसी ना किसी वजह से पानी की कटौती किया जाता है। एक दिन के लिए पानी बंद होने से नागरिकों की बौखलाहट बढ़ जाती है, ऐसे में पनवेल वासियों को पानी के लिए कितनी मशक्कत करनी पड़ रही होगी। नवी मुंबई मनपा के मोरबे जलाशय में अभी 74.06 मीटर पानी बचा हुआ है।
नवी मुंबई मनपा कार्यक्षेत्र में प्रतिदिन 375 एमएलडी पानी मोरवे डैम से नवी मुंबई वासियों को दिया जाता है और 11 सितंबर तक पानी की कोई समस्या भी नही होने वाली है। अगर जून में निर्धारित समय पर बरसात नही भी हुई तब भी नवी मुंबई वासियों को पानी की समस्या नही होगी। यह जानकारी मोरवे जलाशय के कार्यकारी अभियंता मनोहर सोनावणे ने दी है। हालांकि नवी मुंबई मनपा के मालिकाना वाले मोरबे जलाशय से करीब 40 दक्ष लीटर पानी पनवेल महानगर पालिका के क्षेत्र में भी आपूर्ति किया जाता है, परंतु पानी की बढ़ती समस्या से जहां नागरिक परेशान हैं वहीं पनवेल मनपा प्रशासन भी हैरान है। पंचायत समिति की तरफ से ग्रामीण जल आपूर्ति विभाग के पास पनवेल तालुका में संभावित पानी की कमी वाले गांव की सूची भी भेज दी गई है, इस कमी को दूर करने के लिए कार्ययोजना तैयार करके भेजी गई है। संभावित संकटग्रस्त गांवों में 17 गांव और 37 वाडा को शामिल किया गया है।

लोगों की शिकायत
नागरिकों का कहना है कि कई गाँव के कुएँ का जलस्तर काफी नीचे पहुँच गया है, जबकि गाँव में बोरवेल का पानी भी काफी कम देने लगा है। पनवेल तालुका में देहरंग (गाढ़ेश्वर) बांध से पनवेल एवं न्यू पनवेल को पानी की आपूर्ति किया जाता है । हालांकि उसी क्षेत्र में रहने वाले आदिवासियों को भीषण धूप में पीने के लिए पानी का विवरण बनाना पड़ता है। वारदोली ग्राम पंचायत सीमा में हालटेप और ताड़ाचाटेप इन दोनों जगहों पर 23 अप्रैल से प्रतिदिन सरकारी टैंकरों के माध्यम से जलापूर्ति की जा रही है। आपटा ग्रामपंचायत के घेरावाड़ी, माड भवन, कोरलवाडी में टैंकर की मांग की गई है। उस स्थान पर टैंकर से पानी की आपूर्ति किए जाने का प्रस्ताव भेज दिया गया है। ऐसी जानकारी पानी आपूर्ति विभाग के उप अभियंता आर.डी.चव्हाण ने दी है। इस तरह से शिरवली, कोंडप, मोहोदर, कुत्तर पाडा इन चार जगहों का निरीक्षण किया गया, यहां भी पानी की समस्या गंभीर है यहां के लिए भी टैंकर की मांग की गई है।

मीरा भायंदर में भी गहराया जल संकट
मीरा भायंदर. पानी आपूर्ति की कमी के चलते एक बार फिर से जल संकट गहराता नजर आ रहा है। मनपा की लापरवाही के चलते शहर एक बार फिर से जल संकट की ओर बढ़ रहा है, जिसके चलते आनेवाले दिनों में पानी की किल्लत और बढऩे के आसार नजर आ रहे हैं। गुरुवार रात 12 बजे से पानी बंद होता है तो शनिवार सुबह आठ बजे आता है। यह प्रक्रिया पूरे छह महीने से अधिक समय से चल रही है। नागरिक स्कूलों की छुट्टियों की वजह से मूल निवास को चले गए है। मीरा रोड के पूनम क्लस्टर में प्रति माह सवा से डेढ़ लाख रुपए टैंकर मंगवाने पर खर्च होता है, तो तीन महीने में जो मनपा का पानी का बिल आता है वो तकऱीबन पांच से छह लाख रुपए होता है।

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