वेस्टर्न रेलवे की पहली प्राइवेट ट्रेन और देश की दूसरी प्राइवेट ट्रेन को 19 जनवरी से मुंबई से अहमदाबाद के बीच चलाया जाना शुरू किया गया है। इस ट्रेन को आईआरसीटीसी चला रही है। अत्याधुनिक सुविधाओं से लैस भारत की दूसरी निजी ट्रेन तेजस की लोगों में लोकप्रियता बढ़ाने के लिए एक और बेहतर कदम उठाने का निर्णय लिया गया है। रेलवे ने तेजस ट्रेन को तैयार करने में जमकर खर्च किया है। इस ट्रेन के प्रत्येक कोच को बनाने में लगभग साढे तीन करोड़ रुपए खर्च हुए हैं। यात्रियों को आकर्षित करने के लिए तेजस लगातार अपने आप को अपडेट कर रही है।
कोच में घट सकती है सीटों की संख्या
आईआरसीटीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पत्रिका को बताया कि हम तेजस के एक कोच को थिएटर कोच में बदलने की योजना पर कार्य कर रहे हैं। इसके लिए हमने अभी पीवीआर से बातचीत शुरू की है। हम इस थिएटर में नई रिलीज हुई और बहुत अच्छी फैमिली फिल्में दिखाने की योजना पर कार्य कर रहे हैं।
उन्होंने कहा कि हम इसके लिए कोच में परिवर्तन करने की तैयारी भी कर रहे हैं। यह सुविधा एक्जुकेटिव कोच में रहेगी। इसके लिए हमें कोच की सीटिंग को बदलने की जरूरत पड़ सकती है। वर्तमान में तेजस के एक्जुकेटिव कोच में 56 सीट हैं, हो सकता है कि थिएटर कोच में हम इसे कम करते हुए 30 से 35 कर दें।
यह भी देखा जा रहा है कि कोच में दो स्क्रीन लगाई जाए, ताकि हर यात्री को फिल्म देखने में सुविधा हो। ये रोलिंग स्क्रीन होंगी, जिन्हें फिल्म देखने के बाद रोल कर दिया जाएगा। एक फिल्म के बाद दूसरी के लिए समय दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि अभी यह तय नहीं किया है कि आखिर साऊंड सिस्टम कैसा होगा।
इस कोच को अतिरिक्त कोच की तरह लगाया जाएगा। उन्होंने बताया कि इस सुविधा के साथ हम तेजस में फुट और हेड मसाज करने की मशीन लगाने की भी तैयारी हो रही है।