scriptहमारी सेना सबसे मजबूत बने, इसलिए समर्पित कर दी करोड़ों रुपए की भूमि | patrika.com | Patrika News

हमारी सेना सबसे मजबूत बने, इसलिए समर्पित कर दी करोड़ों रुपए की भूमि

locationमुंबईPublished: Sep 08, 2019 11:54:35 pm

Submitted by:

Rajesh Kumar Kasera

Mumbai News : सैनिक नहीं, सच्चा सिपाही : समर्पण और संकल्प के पर्याय बने समाजसेवी दरयानानी
– आज कान्हे गांव में होगा कॉलेज विस्तार के लिए भूमि पूजन
– मार्च 2018 में भी इसी कॉलेज के लिए दिए थे 40 करोड़

हमारी सेना सबसे मजबूत बने, इसलिए समर्पित कर दी करोड़ों रुपए की भूमि

हमारी सेना सबसे मजबूत बने, इसलिए समर्पित कर दी करोड़ों रुपए की भूमि

मुंबई. देश की सुरक्षा के लिए सरहद पर तैनात हमारी सेना को ‘घर’ के अंदर से भी मजबूत सहयोग मिले, इसके लिए मुंबई के वरिष्ठ समाजसेवी प्रेम दरयानानी ने समर्पण और संकल्प की अनूठी मिसाल पेश की है। सेना के लॉ कॉलेज के विस्तार लिए उन्होंने फिर बड़ी पहल दिखाई है। मार्च-2018 में कॉलेज के लिए 40 करोड़ की छह एकड़ भूमि और छह भवन देने के बाद सोमवार को 25 करोड़ की लागत से तैयार छह इमारतें और दो एकड़ भूमि सेना को सौंपेंगे।
पुणे के पास कान्हे गांव में आयोजित होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में दक्षिणी कमान के कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी समेत कई अधिकारी मौजूद रहेंगे। सैनी ने बताया कि सेना के साथ इस तरह से आम लोगों का जुड़ाव उनके मनोबल को कई गुना बढ़ा देता है। सेना की सहायता के लिए उन्होंने प्रेम दरयानानी और ट्रस्ट की सराहना की।
चंडीगढ़ के बाद पुणे में है लॉ कॉलेज

राधा कलिनदास दरयानानी ट्रस्ट के इस सहयोग से महाराष्ट्र के पहले और देश के दूसरे सेना लाॅ काॅलेज का विस्तार होगा। सेना की सेवा का जुनून रखने वाले 80 वर्षीय प्रेम दरयानानी दक्षिण मुंबई के रहने वाले हैं और जानकारों की मानें तो व्यक्तिगत तौर पर सेना को सबसे बड़ा सहयोग देने वाले समाजसेवी हैं। जमीन-बिल्डिंग से होने वाले काॅलेज विस्तार में दूसरे और तीसरे वर्ष के विद्यार्थियों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। देश में सेना के लिए दो लाॅ कालेज हैं, पहला पंजाब के मोहाली (चंडीगढ़) में स्थित है और दूसरा कान्हे गांव में गत वर्ष से प्रारंभ हुआ है।
सेना के प्रति कृतज्ञता, एकमात्र उद्देश्य

ट्रस्ट प्रमुख प्रेम दरयानानी ने कहा कि देश के बाहरी और आंतरिक दुश्मनों से निपटने के लिए जान की बाजी लगाने वाली भारतीय सेना के प्रति कृतज्ञता दिखाना ही इस सहयोग का उद्देश्य है। सेना के जवान हर खतरे का सामना कर सीमा पर चौकस रहते हैं, जान की बाजी लगा देते हैं ताकि हम सुरक्षित रह सकें। यहां तक कि प्राकृतिक या मानवीय आपदा संकट आता है, तब भी सेना के जवान मदद के लिए तैयार रहते हैं। भारतीय सेना का साहस अदम्य और अतुलनीय है। ऐसे में हम नागरिकों की जिम्मेदारी है कि उनके लिए कुछ न कुछ योगदान करें, जनमानस को जागरुक करें और सैनिकों सहित उनके परिवारों के साथ खड़े रहें।
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो