पुणे के पास कान्हे गांव में आयोजित होने वाले भूमि पूजन कार्यक्रम में दक्षिणी कमान के कमांडर इन चीफ लेफ्टिनेंट जनरल एसके सैनी समेत कई अधिकारी मौजूद रहेंगे। सैनी ने बताया कि सेना के साथ इस तरह से आम लोगों का जुड़ाव उनके मनोबल को कई गुना बढ़ा देता है। सेना की सहायता के लिए उन्होंने प्रेम दरयानानी और ट्रस्ट की सराहना की।
चंडीगढ़ के बाद पुणे में है लॉ कॉलेज राधा कलिनदास दरयानानी ट्रस्ट के इस सहयोग से महाराष्ट्र के पहले और देश के दूसरे सेना लाॅ काॅलेज का विस्तार होगा। सेना की सेवा का जुनून रखने वाले 80 वर्षीय प्रेम दरयानानी दक्षिण मुंबई के रहने वाले हैं और जानकारों की मानें तो व्यक्तिगत तौर पर सेना को सबसे बड़ा सहयोग देने वाले समाजसेवी हैं। जमीन-बिल्डिंग से होने वाले काॅलेज विस्तार में दूसरे और तीसरे वर्ष के विद्यार्थियों को पढ़ाई का मौका मिलेगा। देश में सेना के लिए दो लाॅ कालेज हैं, पहला पंजाब के मोहाली (चंडीगढ़) में स्थित है और दूसरा कान्हे गांव में गत वर्ष से प्रारंभ हुआ है।
सेना के प्रति कृतज्ञता, एकमात्र उद्देश्य ट्रस्ट प्रमुख प्रेम दरयानानी ने कहा कि देश के बाहरी और आंतरिक दुश्मनों से निपटने के लिए जान की बाजी लगाने वाली भारतीय सेना के प्रति कृतज्ञता दिखाना ही इस सहयोग का उद्देश्य है। सेना के जवान हर खतरे का सामना कर सीमा पर चौकस रहते हैं, जान की बाजी लगा देते हैं ताकि हम सुरक्षित रह सकें। यहां तक कि प्राकृतिक या मानवीय आपदा संकट आता है, तब भी सेना के जवान मदद के लिए तैयार रहते हैं। भारतीय सेना का साहस अदम्य और अतुलनीय है। ऐसे में हम नागरिकों की जिम्मेदारी है कि उनके लिए कुछ न कुछ योगदान करें, जनमानस को जागरुक करें और सैनिकों सहित उनके परिवारों के साथ खड़े रहें।