आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा और शिवसेना की लड़ाई टक्कर में होगी। दोनों दल मुख्यमंत्री पद के लिए एक दूसरे को पछाड़ने में लगेंगे। उसके लिए शायद उद्धव कम पड़े इसी लिए अब आदित्य को मैदान में लड़ाई के लिए तैयार किया जा रहा है।
पिछले विधानसभा चुनाव में दोनों ने अलग अलग चुनाव लड़ा था और भाजपा ने 122, शिवसेना को 63, कांग्रेस को 42 और राकांपा को सिर्फ 41 सीटें मिली थीं. भाजपा को पूर्ण बहुमत के लिए 21 सीटें कम पड़ गई थी। लेकिन अबकी बार शिवसेना भाजपा को पछाड़ने के लिए कमर कस चुकी है।
भाजपा शिवसेना में युति पक्की है इस पर अब भी कई लोगों को भरोसा नहीं है। युति से भाजपा को नुक्सान होगा। यह भाजपा के विधायकों को भी समझने लगा है। जबकि शिवसेना में अन्य दल से लोग टूट कर जा रहे हैं। ऐसे में शिवसेना को बढ़ता देख भाजपा के सब्र का बांध टूट सकता है।