गौरतलब है कि सबसे पहले यह खबर आई कि इंदिरा अपार्टमेंट गोवंडी ईस्ट के पास स्थित यूएस विटामिन कंपनी से गैस लीक हो रही है। पर जांच करने पर खबर गलत निकली। हालांकि,मनपा ने ट्वीट कर कहा है कि यह दुर्गंध कहां से आ रही है, इसका पता लगाने की कोशिश की जा रही है। इससे पहले, मनपा ने ट्वीट कर जानकारी दी कि चेंबूर, घाटकोपर, कांजुरमार्ग, विक्रोली और पवई के निवासियों से गैस रिसाव की कुछ शिकायतें मिली हैं। जिसकी जांच के लिए दमकल विभाग (फायर ब्रिगेड ) की 17 गाड़ियों को संबंधित इलाकों में भेजा गया है। मामले की गंभीरता को देखते हुए सभी संबंधित एजेंसियों को अलर्ट कर दिया गया है।
दमकल विभाग प्रमुख प्रभात रहांगदले ने कहा यूएस विटामिन कंपनी से गैस लीक होने की खबर मिलते ही हमारी टीम वहां गई। पर वहां ऐसा कुछ नहीं मिला। उसके बाद घाटकोपर के पंतनगर में गैस लीक होने की खबर मिली,जांच करने पर वहां भी कुछ नहीं मिला। इस इलाके में 1 से 2 किमी क्षेत्र की जांच की गई,पर गैस लीकेज का कोई प्रमाण नहीं मिला। सभी जगह देर रात तक जांच की गई पर कुछ नहीं पाया गया।
पर्यावरण मंत्री आदित्य ठाकरे ने गैस लीकेज को लेकर देर रात ट्वीट कर लोगों का हौसला बढ़ाते हुए कहा कि डरने की कोई जरूरत नहीं है। दमकल विभाग शिकायत प्राप्त क्षेत्रों में पहुंच गया है। सभी लोग घर के अंदर ही रह खिड़कियां बंद रखें।
इस बारे में हिंदुस्थान पैट्रोलियम के रिटार्यड चीफ मैनेजर रवि श्रीवास्तव ने बताया कि चेंबूर में आरसीएफ,हिंदुस्तान पैट्रोलियम,भारत पैट्रोलियम सहित अन्य प्लांट हैं। खासतौर पर आरसीएफ की ओर से रात में अपने प्रोसेस के दौरान बड़े पैमाने पर अमोनिया गैस छोड़ी जाती है। अमोनिया गैस आमतौर पर ऊपर जाने के बजाय नीचे बैठ जाती है। इसके कारण उसका स्मेल सब जगह फैल जाता है। उसको ट्रैप कर पाना बहुत मुश्किल होता है। इस तरफ के मामले में आरसीएफ को कई बार शिकायतें करने के बाद भी कुछ होता नहीं है। ऐसा कहा जा सकता है कि जरूर चेंबूर के आरसीएफ से ही अमोनिया गैस निकली होगी। जिससे डिटेक्ट नहीं किया जा पाया होगा। बरसात के दिनों में फैल नहीं पाती इसलिए इसकी गंध आती है। हालांकि यह बहुत घातक नहीं है।
गौरतलब है कि मुंबई में एचपीसीएल, बीपीसीएल, आरसीएफ, महानगर गैस अन्य कई कंपनियां हैं। गैस लिकेज की जांच करने का आदेश मनपा,अग्निशमन दल और पुलिस को भी दिया गया है। बता दें कि इससे पहले पिछले वर्ष भी इसी तरह गैस लिकेज की शिकायत मिली थी।जिसकी जांच के लिए समिति बनाई गई थी। पर जांच में कुछ पता नहीं चला।