जामिया मिलिया इस्लामिया विश्वविद्यालय, जवाहरलाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू), अंबेडकर यूनिवर्सिटी और दिल्ली यूनिवर्सिटी के बाद अब मुंबई के टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (टीआईएसएस) में डॉक्यूमेंट्री की स्क्रीनिंग को लेकर विवाद खड़ा होता दिख रहा है। हालांकि टीआईएसएस (TISS) ने बीबीसी की प्रतिबंधित डॉक्यूमेंट्री दिखाने की तैयारी कर रहे छात्रों को सख्त चेतावनी दी है।
टाटा इंस्टीट्यूट ऑफ सोशल साइंसेज (TATA Institute of Social Sciences) ने एक बयान में कहा, “यह हमारे संज्ञान में आया है कि कुछ छात्र बीबीसी डॉक्यूमेंट्री दिखाने की योजना बना रहे हैं… संस्थान ने इसकी स्क्रीनिंग की अनुमति नहीं दी है… इससे संस्थान परिसर की शांति भंग हो सकती है। इस एडवाइजरी के खिलाफ किसी भी कार्रवाई से सख्ती से निपटा जाएगा।”
मिली जानकारी के मुताबिक, टीआईएसएस छात्र संघ ने बीबीसी डॉक्यूमेंट्री को बैन (BBC Documentary Ban) करने के केंद्र सरकार के निर्णय के खिलाफ शुक्रवार को कैंपस में विरोध प्रदर्शन किया। प्रतिबंध के साथ-साथ पूरे भारत के संस्थानों में फिल्मों की स्क्रीनिंग करने वाले छात्रों के खिलाफ धमकियों के खिलाफ शुक्रवार को प्रदर्शन किया।
गौरतलब हो कि गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री बनाने को लेकर बीबीसी विवादों में घिर गया है। इस डॉक्यूमेंट्री में 2002 के गुजरात दंगों के लिए पीएम मोदी की भूमिका को सीधे तौर पर दोषी ठहराया गया है, जब वह राज्य के मुख्यमंत्री थे। केंद्र सरकार ने ब्रिटिश ब्रॉडकास्टिंग कॉरपोरेशन (बीबीसी) की इस डॉक्यूमेंट्री को औपनिवेशिक मानसिकता का प्रतीक, प्रोपेगैंडा पीस, पक्षपातपूर्ण और निष्पक्षता की कमी का प्रतीक बताया है।