उल्लेखनीय है कि वित्तीय गड़बड़झाले को भांपते हुए रिजर्व बैंक ने सितंबर में पीएमसी बैंक में पैसा जमा करने और निकालने पर रोक लगा दिया। पहले छह माह में एक हजार रुपए निकालने की छूट दी गई थी। हालांकि बाद में पैसा निकासी की सीमा 40 हजार रुपए तक बढ़ा दी गई। केंद्रीय बैंक की ओर से पीएमसी के खातों की जांच कराई जा रही है। बैंक की अंदरूनी जांच में तकरीबन छह हजार करोड़ रुपए की गड़बड़ी का अंदेशा जताया गया है। इस मामले में बैंक के पूर्व अध्यक्ष वरयाम सिंह, एक डायरेक्टर और एमडी सहित डिफॉल्टर घोषित हो चुकी रियल इस्टेट कंपनी एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश व सारंग वधावन जेल में हैं।
पूरा पैसा निकालने की छूट से जुड़ी मांग के साथ पीएमसी बैंक के खाताधारक मंगलवार आजाद मैदान में विरोध प्रदर्शन कर रहे थे। इसके बाद पीएमसी खाताधारकों के प्रतिनिधिमंडल ने आरबीआई के कार्यकारी निदेशक से मुलाकात की। प्रतिनिधिमंडल में छह लोग शामिल थे। रिजर्व बैंक से भरोसा मिलने के बाद जमाकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन वापस ले लिया।
पीएमसी बैंक खाताधारक और कांग्रेस नेता चरण सिंह सप्रा ने कहा कि हम लोग दिवाली नहीं मनाएंगे। उन्होंने कहा कि अब तक छह खाताधारकों की मौत हो चुकी है। रिजर्व बैंक से मांग की गई है कि प्रत्येक मृतक के परिजनों को 25 लाख रुपए की सहायता दी जाए। रिजर्व बैंक अधिकारियों से मिलने गए जमाकर्ताओं के प्रतिनिधिमंडल में सप्रा भी शामिल थे। उन्होंने कहा कि यदि हमारी मांगे पूरी नहीं हुईं तो हम फिर से आंदोलन करेंगे।
रिजर्व बैंक ने 24 सितंबर को पीएमसी बैंक के लेनदेन पर रोक लगा दी थी। सीमित पैसा निकासी सुविधा को पीएमसी बैंक ग्राहक पर्याप्त नहीं मानते। उनकी मांग है कि बैंक में जमा पूरा पैसा निकालने की छूट ग्राहकों को मिले। बैंक के ग्राहकों को यह डर सता रहा कि कहीं उनकी गाढ़े की कमाई डूब न जाए।