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पीएमसी बैंक मामला : राज्य सहकारी बैंक में विलीन करने की हलचल

locationमुंबईPublished: Dec 05, 2019 04:05:17 pm

Submitted by:

Nagmani Pandey

पीएमसी बैंक मामला : राज्य सहकारी बैंक में विलीन करने की हलचल ठाकरे सरकार खाताधारको को बड़ा दिलासा देने की कोशिस हाईकोर्ट के देखरेख में कमिटी बनाने की मांग पत्रिका न्यूज़ नेटवर्क

पीएमसी बैंक मामला : राज्य सहकारी बैंक में विलीन करने की हलचल

पीएमसी बैंक मामला : राज्य सहकारी बैंक में विलीन करने की हलचल


मुंबई . पीएमसी बैंक मामले में ठाकरे सरकार खाताधारको को एक बहुत ही बड़ा दिलासा देने की तैयारी में है | सरकार पीएमसी बँक राज्य सहकारी बँक के साथ विलीन करने की तैयारी में है | इसके लिए राज्य सरकारक द्वारा राज्य सहकारी बँक के अधिकारियो से चर्चा किए जाने की जानकारी ठाकरे सरकार में मंत्री जयंत पाटील ने दिया है | इसके बाद जरूरत पड़ने पर आरबीआई से चर्चा करने की तैयारी सरकार ने किया है | उन्होंने बताया की खाताधारकों को नुकसान ना हो इसके लिए पीएमसी बैंक राज्य सहकारी बैंक में विलीन कर आर्थिक मदद करने की कोशिस राज्य सरकार द्वारा किया जा रहा है |
हाईकोर्ट के देखरेख में कमिटी बनाने की मांग

इस बीच पीएमसी बँक घोटाला मामले में मुंबई हाईकोर्ट में दाखिल याचिका पर बुधवार को सुनवाई किया गया | इस सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने बैंक पर नियुक्त किये गए प्रशासक सही तरह से काम नहीं कर रहे है इसके कारण खाताधारकों देरी से मिल रहा है | इसके कारण बैंक पर कोर्ट के देखरेख में एक कमिटी बनाया जाए और उस कमिटी के माध्यम से बकायादारों की संपत्ति बेच कर खाताधारको का पैसा देने की मांग किया गया |
जानकारी अनुसार सारंग वाधवा, राकेश वाधवा ने हाउसिंग डेव्हलपमेंट इन्फ्रास्ट्रक्‍चर लिमिटेड (एचडीआईएल) कंपनी के नाम पर पीएमसी बँके से ढाई हजार करोड़ रुपए कर्ज लिए थे | इन पैसो का इस्तेमाल उन्होंने मुंबई, अलिबाग, वसई और भारता सहित विदेशो में संपत्ति खरीदने के लिए इस्तेमाल किए जाने का जांच में सामने आया है | आर्थिक अपराध शाखा ने वाधवा पितापुत्र के वसई, अलिबाग व मुंबई के सम्पति जब्त कर लिया है | वाधवा पिता पुत्र ने लिए कर्ज का ब्याज समय पर जमा नहीं किए जाने के कारण आंकड़ा साढ़े चार हजार करोड़ के ऊपर जाने के बाद बैंक के एमडी जॉय थॉमस ने आरबीआई से मदद माँगा था | आरबीआई द्वारा पीएमसी बैंक का ऑडिट किया आगया | इस दौरान एचडीआईएल को दिया गया कर्ज अलग अलग खाते में भेजे जाने का पाया गया | यह पैसा किस तरह भेजा गया | इसकी जांच फोरेंसिक ऑडिट के माध्यम से शुरू किया गया है | इस पीएमसी बैंक द्वारा एचडीआईएल के साथ ही और भी कई कंपनियों को बचाने की कोशिस किया है | इसके लिए राजकीय दबाव भी बैंक के पर डाला गया था | इस मामले में और भी कई लोगो का समावेश है |

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