पीएमसी बैंक में गड़बड़ी के लिए जिम्मेदार चार लोगों को पुलिस ने गिरफ्तार किया है। मामले की जांच मपंहई पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा कर रही है। आरोपियों के खिलाफ मनी लांड्रिंग रोकथाम कानून के तहत प्रवर्तन निदेशालय भी जांच कर रहा है। बुधवार को हुई सुनवाई में कोर्ट ने एचडीआईएल प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन सहित बैंक के पूर्व अध्यक्ष वरयाम सिंह को 23 अक्टूबर तक न्यायिक हिरासत में भेज दिया।
फिलहाल पीएमसी बैंक के ग्राहक छह महीने में अपने खाते से 40 हजार रुपए निकाल सकते हैं। पहले रिजर्व बैंक ने सिर्फ 1000 रुपए निकालने की छूट दी थी। इसके बाद यह सीमा तीन हजार, 10 हजार और 25 हजार रुपए तक बढ़ाई गई थी। इससे बैंक ग्राहकों को थोड़ी राहत जरूर मिली है, लेकिन लोग चाहते हैं कि उन्हें खातों में जमा पूरा पैसा निकालने की छूट मिले।
पीएमसी बैंक ने 2008 से ही गड़बड़ी चल रही थी। 17 सितंबर को किसी ने रिजर्व बैंक के पास शिकायती चिट्ठी लिखी थी। इसके बाद 18 सितंबर को पीएमसी के निलंबित एमडी जॉय थॉमस को केंद्रीय बैंक ने तलब किया। 19 सितंबर से बैंक के खातों की जांच शुरू हुई। 21 सितंबर को बैंक प्रबंधन ने गड़बड़ी की बात कबूल ली। इसके बाद रिजर्व बैंक ने 24 सितंबर को पीएमसी बैंक के लिए प्रशासक नियुक्त कर दिया।
पीएमसी बैंक डायरेक्टर गिरफ्तार
मुंबई. पंजाब एंड महाराष्ट्र कोऑपरेटिव (पीएमसी) बैंक के 4,500 करोड़ रुपए के घोटाले में बैंक एक निदेशक को पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा ने गिरफ्तार किया है। बैंक के गिरफ्तार निदेशक का नाम सुरजीत सिंह अरोड़ा है। पीएमसी बैंक के पूर्व अध्यक्ष वरयाम सिंह और निलंबित प्रबंध निदेशक जॉय थॉमस की गिरफ्तारी पहले हो चुकी है। साथ ही एचडीआईएल के प्रमोटर राकेश और सारंग वधावन को भी न्यायिक हिरासत में हैं। मामले में बैंक के बाकी डायरेक्टरों पर भी पुलिस की नजर है। अरोड़ा बैंक की कर्ज मंजूरी व वितरण समिति में शामिल थे।