मेल-मिलाप बढ़ाने के दौर भाजपा और शिवसेना के लोकसभा चुनाव के लिए युति हुई है। दोनों दलों के नेताओं के बीच मेल-मिलाप बढ़ाने के दौर भी चल रहे हैं। बावजूद इसके कई सीटों पर स्थानीय कार्यकर्ता सहयोगी दल के प्रत्याशी को समर्थन दे रहे हैं। भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष रावसाहेब दानवे सहित महाजन ने तो शिवसेना अध्यक्ष का विश्वास हासिल कर लिया है। लेकिन ईशान्य मुंबई के मौजूदा सांसद किरीट सोमैया के साथ शिवसेना की नाराजगी कायम है। हालांकि सोमैया पुरजोर कोशिश कर रहे हैं कि रूठे शिवसैनिक मान जाएं, मगर मातोश्री से उन्हें हरी झंडी नहीं मिली है। इसी कारण अभी तक ईशान्य मुंबई सीट से भाजपा अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान तक नहीं कर पाई है।
उपेक्षा से नाराज थे शिवसैनिक जहां तक महाजन का सवाल है तो शिवेसना की नाराजगी से प्रचार सामग्री पर शिवसेना नेताओं की अनदेखी से जुड़ी थी। भाजपा के पोस्टर-बैनर में शिवसेना नेताओं की उपेक्षा से शिवसैनिक नाराज थे। युवा सेना अध्यक्ष आदित्य ने कहा था कि पूनम को जब तक गलती का एहसास नहीं होगा, वे उनकी किसी भी चुनावी सभा में शामिल नहीं होंगे।