scriptPune covid 19 vaccine Research : रीसस प्रजाति के बंदरों पर होगा कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण | Pune covid 19 vaccine Research | Patrika News

Pune covid 19 vaccine Research : रीसस प्रजाति के बंदरों पर होगा कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण

locationमुंबईPublished: Jun 08, 2020 05:46:11 pm

Submitted by:

Binod Pandey

एनआईवी ( NIV ) ने इस प्रजाति के 30 बंदर ( Monkey ) मांगे हैं, जिसे महाराष्ट्र सरकार ( Maharashtra ) से हरी झंडी मिल गई है। चिकित्सकीय अनुसंधान ( Medical Research ) के लिए रीसस प्रजाति के बंदर ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। बंदरों की यह प्रजाति दक्षिण और पूर्वी एशियाई देशों में पाई जाती है।

Pune covid 19 vaccine Research : रीसस प्रजाति के बंदरों पर होगा कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण

Pune covid 19 vaccine Research : रीसस प्रजाति के बंदरों पर होगा कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण

पत्रिका न्यूज नेटवर्क
पुणे. कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण नेशनल इंस्टीट्यूट ऑफ वायरोलॉजी (एनआईवी) के वैज्ञानिकों की टीम रीसस प्रजाति के बंदरों पर करेगी। एनआईवी ने इस प्रजाति के 30 बंदर मांगे हैं, जिसे महाराष्ट्र सरकार से हरी झंडी मिल गई है। चिकित्सकीय अनुसंधान के लिए रीसस प्रजाति के बंदर ज्यादा इस्तेमाल किए जाते हैं। बंदरों की यह प्रजाति दक्षिण और पूर्वी एशियाई देशों में पाई जाती है।

वन विभाग के एक अधिकारी ने बताया कि टीके पर रिसर्च के लिए चार-पांच साल की उम्र के बंदरों की जरूरत है। वन मंत्री ने इस शर्त पर अनुमति दी है कि बंदरों को अनुभवी कर्मचारी पकड़ेंगे ताकि उन्हें कोई शारीरिक नुकसान न हो। वैक्सीन के परीक्षण के दौरान भी सावधानी बरती जाएगी। रिसर्च के बाद इन बंदरों के अन्य व्यावसायिक इस्तेमाल की मनाही है।
Pune covid 19 vaccine Research : रीसस प्रजाति के बंदरों पर होगा कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण
ट्रायल के लिए मुफीद
वैक्सीन या दवा का परीक्षण करने की प्रक्रिया जटिल होती है। परीक्षण से पहले लंबी तैयारी करनी पड़ती है। ऐसे जानवरों पर ट्रायल किया जाता है, जिनके शरीर की संरचना इंसानों से मिलती-जुलती हो। इसीलिए चिंपान्जी, बंदर, बबून आदि पर रिसर्च किया जाता है। वैसे चिंपान्जी पर अब ज्यादा रिसर्च नहीं किया जाता है। दवाई या वैक्सीन के ट्रायल के लिए बंदर ज्यादा मुफीद हैं।
खास प्रजाति के बंदर
रीसस खास प्रजाति के बंदर होते हैं। चीन और ब्रिटेन में भी इंसानी परीक्षण से पहले कोरोना रोधी संभावित वैक्सीन का ट्रायल इन्हीं पर किया गया, जिसके नतीजे सकारात्मक रहे। इस प्रजाति के बंदरों की खूबी यह होती है कि ये क्षेत्र विशेष में ही रहते हैं। आमतौर पर यह एक स्पेसीज से दूसरे में नहीं जाते हैं।
Pune covid 19 vaccine Research : रीसस प्रजाति के बंदरों पर होगा कोरोना रोधी वैक्सीन का परीक्षण
loksabha entry point

ट्रेंडिंग वीडियो