mumbai रेलवे और मनपा के भवंर में फंसे नागरिक
मुंबईPublished: Jul 07, 2019 10:41:20 am
रेलवे और मनपा के भवंर में फंसे नागरिकजन प्रतिनिधियों के सुस्त रवैये से जनता में आक्रोश
mumbai रेलवे और मनपा के भवंर में फंसे नागरिक
नागमणि पांडेय
मुंबई। करीब चार दशक से रेल और मनपा प्रशासन के भंवर में फंसे रेलवे कॉलोनी, साबलेनगर और क्रांति नगर के नागरिक जन सुविधाओं से वंचित हैं। बरसात के दिनों में यहां के नागरिकों की हालत बद से बदतर हो जाती है। इस परिसर में सड़क, गटर, साफ-सफाई का अभाव होने के कारण समस्याएं दिनों दिन बढ़ती जा रही है। जबकि इस दौरान कई सांसद, विधायक, नगरसेवक चुनकर आए और अपना कार्यकाल पूरा कर चलते बने। लेकिन किसी ने यहां की जनता की सुध नहीं ली। जिसके कारण यहां के नागरिकों की समस्याएं खत्म होने के बजाय और जटिल होती जा रही है।
जानकारी के अनुसार पिछले सप्ताह भारी बारिश के दौरान यहां के लोगों ने अपने बच्चों को कंधे पर उठा-उठा कर स्कूल पहुंचाया और स्कूल से लाए। क्योंकि कुर्ला पूर्व के खस्ताहाल रेलवे कॉलोनी की सड़कों पर घुटनों से ऊपर तक बरसाती पानी भरा था। ऐसे में यह अंदाजा लगाना बेहद मुश्किल हो गया था कि रोड के किस ओर पर गड्ढा है और कहां समतल। दरअसल रेल प्रशासन और मनपा के बीच एनओसी (अनापत्ती प्रमाण पत्र) को लेकर लंबे समय से विवाद चल रहा है। इस विवाद के भंवर में फंसे यहां के लोग बेहद परेशान हैं। बदहाली के दौर से गुजर रहे इस इलाके के मुद्दे पर भाजपा कुर्ला विधानसभा क्षेत्र, उत्तर भारतीय सेल के अध्यक्ष जगदीश नारायण उपाध्याय ने कहा कि मानसून से पूर्व इस इलाके के नागरिको का एक प्रतिनिधिमंडल मध्य रेलवे के डीआरएम से मिल कर अपनी समस्याओं के बारे में विस्तार से बताया। इसके अलावा हम लोगों ने डीआरएम को एक पत्र भी दिया। डीआरएम ने अश्वासन दिया था कि मई 2019 के अंत तक रेलवे कॉलोनी, साबलेनगर और क्रांतिनगर से होकर लोकमान्य तिलक टर्मिनल तक जाने वाली सड़क का काम पूरा कर लिया जाएगा। उनके अश्वासन का अभी तक कोई असर नहीं दिखा। इस मुद्दे पर मध्य रेलवे के डीआरएम एस के जैन से बात करने की कोशिश की गई, लेकिन उन्होंने मोबाइल रिसीव नहीं किया। बहरहाल क्षेत्र की समस्याओं से संबंधित मुद्दों पर स्थानीय समाजसेवक राव साहेब जावले ने कहा कि करीब डेढ़ दशक पूर्व इस मार्ग का नूतनीकरण भाजपा विधायक स्व. प्रमोद शिलवलकर ने डंके की चोट पर कराया था। लेकिन मौजूदा प्रतिनिधियों में दम नहीं है। हाल के जन प्रतिनिधि चांद की तरह डूबते और निकलते हैं। जावले ने बिना नाम लिए कहा कि चुनाव के समय पूर्व प्रतिनिधियों सहित कई नये चेहरे वोट मांगते हुए दिखाई देंगे। जनता की तकलीफों के वक़्त न कोई दिखाई देता और न ही कोई काम आता है? उन्होंने कहा की मोदी सरकार स्वच्छ भारत अभियान चला रही है। लेकिन उनके ही कर्मचारी क्षेत्रों को अस्वच्छ करते जा रहे हैं। वहीं स्थानीय नागरीक राम भाई ने कहा कि जन सुविधाओं को देखते हुए रेलवे और मनपा को बीच का कोई रास्ता निकालना चाहिए। ताकि मुश्किलों के दौर से गुजर रहे लोगों की समस्याओं का कोई समाधान निकले। इस मुद्दे पर कई लोगों से बात करने पर पता चला कि मनपा और रेल प्रशासन के बीच अनापत्ती प्रमाण पत्र (एनओसी) को लेकर विवाद चल रहा है। इसके बाद भी रेलवे प्रशासन ने जल निकासी के लिए 3 मोटर पंप लगाए हैं। इस मुद्दे पर हर साल बारिश के दिनों में विभाग स्तर पर चर्चा होती है, लेकिन बरसात समाप्त होते ही लोग सामान्य हो जाते हैं। जिसके कारण यहां के जन प्रतिनिधि आगामी मानसून तक चैन से सोते हैं।