उल्लेखनीय है कि सेंट्रल रेलवे में लोकल ट्रेनों से रोज लगभग 42 लाख लोग यात्रा करते हैं। इन 42 लाख लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदारी सिर्फ 21 सौ जवानों पर है। नियमानुसार सेंट्रल रेलवे को 4,200 जवानों की जरूरत है। इस कारण आरपीएफ जवानों को दोगुनी मेहतन करनी पड़ रही है। एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि अगले महीने तक हमें जवान मिल जाएंगे। उन्होंने उम्मीद जताई कि नए जवानों के मिलने के बाद आरपीएफ पर काम का दबाव थोड़ा कम होगा।
2017 में हुई एमएसएफ की इंट्री
सितंबर 2017 में एलफिंस्टन (प्रभादेवी) पुल हादसे के बाद एमएसएफ के जवानों को रेलवे में शामिल किया गया। एलफिंस्टन पुल हादसे में 23 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद रेल मंत्री पीयूष गोयल ने राज्य सरकार से चर्चा कर एमएसएफ के जवानों को रेलवे में शामिल किया था।
महिला यात्रियों की सुरक्षा
सेंट्रल रेलवे में आरपीएफ के लगभग 2,100 जवान और एमएसएफ के 258 जवान कार्यरत हैं। इन पर रेलवे प्रॉपर्टी की सुरक्षा की जिम्मेदारी है। महिला और दिव्यांग यात्रियों के कोच की सुरक्षा की जिम्मेदारी भी इन्हीं पर है।
टिकट दलालों पर नजर
आरपीएफ के जवान आरक्षण केंद्रों में टिकट दलालों पर नजर रखते हैं। पकड़ में आने के बाद दलालों के खिलाफ कार्रवाई करते हैं।