मुंबईPublished: Apr 12, 2020 12:24:01 pm
Arun lal Yadav
रेल प्रशासन, चिकित्सा विभाग, राज्य पुलिस और सिविक प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोनो से जूझ रहे हैं
कड़ी मेहनत कर रहे हैं रेल सुरक्षा बल के जवान
मुंबई. सेंट्रल और वेस्टर्न रेलवे के रेल सुरक्षा बल के जवान दिन रात बिना किसी सिकायत के कड़ी मेहनत कर रहे हैं। ये लोग रेल प्रशासन, चिकित्सा विभाग, राज्य पुलिस और सिविक प्रशासन के साथ कंधे से कंधा मिलाकर कोरोनो से जूझ रहे हैं। लोगों को भोजन कराने से लेकर महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों, परिसंपत्तियों और अन्य रेलवे संपत्तियों की सुरक्षा में जुटे हुए हैं।
गौरतलब है कि लॉक डाउन दौरान परिसंपत्तियों, कोचों, लोकोमोटिव, स्टेबल रेक, यार्ड, सिग्नलिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर, स्टेशन, रिले रूम, माल शेड, वैगन स्टॉक इत्यादि की सुरक्षा आरपीएफ के जवानों पर है। वे 24 घंटे इन स्थानों की सुरक्षा में जुटे हुए हैं। भारतीय रेलवे ने कोरोना वायरस के व्यापक प्रसार से निपटने के लिए एक रणनीति के तहत यात्री सेवाओं की आवाजाही पर रोक लगा दी है, लेकिन आवश्यक वस्तुओं के परिवहन के लिए मालगाडिय़ों की आवाजाही, दवाओं को अभी भी पूरे देश में वस्तुओं की निर्बाध आपूर्ति सुनिश्चित की जा रही है। ये सभी कार्य सुचारू से हों इसके लिए आरपीएफ के जवान लगे हुए हैं।
इस लॉक डाउन के दौरान माल, पार्सल, आवश्यक वस्तुओं की सुरक्षा और देखभाल करना आरपीएफ अधिकारियों के लिए एक चुनौती है। इसके लिए लोग लगातार कई घंटे काम कर रहे हैं। अपने रूटीन काम के बाद ये लोग वंचितों को भोजन कराने भी पहुंच रहे हैं। सेंट्रल रेलवे के मुख्य जनसंपर्क अधिकारी शिवाजी सुतार ने बताया कि एन.एस. राठौड़, हेड कांस्टेबल और कमांडेंट आर.के.सैनी, आरपीएफ इस लॉकडाउन के दौरान ऐसे योद्धा हैं, जो इस महत्वपूर्ण समय में आवश्यक वस्तुओं और दवाओं के सुचारू संचालन और रख-रखाव को सुनिश्चित करने में विशेष योगदान दिया है। इस लॉकडाउन समय के दौरान, ये लोग सामान्य काम के घंटों की परवाह न करते हुए कई घंटे काम काम करते रहे। अपने परिवारों से दूर ये लोग रेल संपत्ति को सुरक्षित रखने तथा लाखों नागरिकों तक जरूरी सामान पहुंचाने में जुटे हुए हैं।