राजस्थान के उदयपुर, राजसमंद, पाली, जालोर, सिरोही, बाडमेर, सीकर, चूरू झुंझुनूं जिले की विधानसभा सीटें इसमें प्रमुख हैं। मुंबई में इन जिलों के लोगों की संख्या लाखों में है और लोकसभा व विधानसभा चुनाव में इनके वोटों की महत्वपूर्ण भुमिका रहती है। सरकार बनाने में इनके वोट काफी अहम होने के कारण भाजपा और कांग्रेस की इन पर सीधी नजर रहती है। भाजपा ने राजस्थानी प्रवासियों में राज के. पुरोहित की मजबूत पकड़ होने के कारण उन्हें प्रवासियों के समन्वयक की सीधी जिम्मेदारी सौंपी गई है।
कैबिनेट मंत्री राज के. पुरोहित बताते हैं कि हमारी जिम्मेदारी प्रवासियों के समन्वय की रहेगी। इसके तहत सबसे पहले उन प्रवासियों को उनके गृह क्षेत्र में भेजा जाएगा, जो स्वेच्छा से वहां जाकर भाजपा प्रत्याशी के लिए काम करना चाहते हैं। इसमें प्रवासी किसी भी तरह से प्रत्यक्ष तौर पर बिना कोई पद लिए या चर्चाओं में आए काम करेंगे। वे चुनाव प्रबंधन में सहयोगी की भूमिका अदा करेंगे।
गौरतलब है कि राजस्थान के इतिहास में पहले से दर्ज है कि प्रवासियों की तरफ से उनके गांवों और शहरों में स्कूल, अस्पताल, गौशाला, धर्मशाला आदि जैसी कई मूलभूत सुविधाओं का निर्माण किया है। साथ ही प्रवासियों का सभी समाजों के लिए हमेशा से योगदान रहा है। इसलिए बीजेपी ने चुनाव के दौरान प्रवासियों में समन्वय का कार्य मूल राजस्थानी के हाथों सौंपा है।