बता दें कि सेंट्रल रेलवे ने अपने यात्रियों को बेहतर सेवा प्रदान करने के लिए एक वर्ष पहले एक इलेक्ट्रिक इंजन आगे एवं एक इंजन पीछे नई पुशपुल तकनीक के साथ राजधानी एक्सप्रेस चलाना शुरू किया, इससे यात्रियों के समय मे 1 घंटे 35 मिनिट की बचत होने लगी।
सेंट्रल रलवे के महाप्रबंधक संजीव मित्तल ने विद्युत विभाग को अनूठे प्रयोग के लिए बधाई दी। इस अभिनव कदम ने कसारा-इगतपुरी घाट खंड में बैंकरों के लगाने और निकालने की आवश्यकता को समाप्त कर दिया, जिससे गति में वृद्धि हुई और इस प्रक्रिया में यात्रियों के कीमती समय की बचत होने लगी।
सेंट्रल रेलवे के अपर महाप्रबंधक और प्रधान मुख्य इलेक्ट्रिकल इंजीनियर एस. पी. वावरे ने बताया कि अजनी और कल्याण लोको शेड ने राजधानी एक्सप्रेस के दो इंजनों को ऐतिहासिक स्थलों के साथ खूबसूरती से स्केच किया है। इनमें प्रसिध्द छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस, ताज महल और लाल किला शामिल हैं। इन रेखाचित्रों को इको-फ्रेंडली इको-विनाइल 3 एम शीट्स के साथ लोको पर चित्रित किया गया है।
सेंट्रल रेलवे के प्रधान मुख्य परिचालन प्रबंधक डी. के. सिंह ने कहा कि यह स्केच किए गए लोको की पहली जोड़ी है और इसे पुश-पुल ट्रेन तकनीक की पहली वर्षगांठ के अवसर पर आज राजधानी एक्सप्रेस से जोड़ा जा रहा है। उन्होंने यह भी कहा कि राजधानी एक्सप्रेस भारत की पहली ट्रेन है जो पुश-पुल तकनीक पर चल रही है जो भारत सरकार के ‘मिशन रफ्तारÓ को सशक्त बनाती है।