विजयादशमी का पर्व रावण पर राम और असत्य पर सत्य की जीत का प्रतीक के रूप में मनाया जाता है। संगोला गांव में रावण की काले पत्थर की विशाल प्रतिमा स्थापित है। इसके 10 सिर और 20 हाथ है। स्थानीय निवासियों के अनुसार देश में रावण को बुराई का प्रतीत मानते हैं, लेकिन उनके लिए तो रावण एक अद्वितीय विद्धान था। ग्रामीणों का कहना है कि कई पीढिय़ों से लोग उनके गांव में इस प्राचीन प्रतिमा की पूजा अर्चना करते आ रहे हैं। ग्रामीणों की मान्यता है कि उनकी कई पीढिय़ां बौद्धिक क्षमता और तपस्वी गुणों के लिए दशानन की पूजा करती आ रही हैं। गांव वालों की मान्यता है कि रावण ने सीता का अपहरण राजनैतिक कारणों से किया था और उसने सीता का शीलभंग नहीं किया था।