रविन्द्र द्विवेदी ने कहा कि जब देश विभाजन धार्मिक आधार पर हिन्दू मुस्लिम आबादी की अदला-बदली की शर्त पर हुआ, तो भारत में मुस्लिम समुदाय क्यों? स्वयं ही इसका जवाब देते हुए उन्होंने आगे कहा कि गांधी और नेहरू ने खंडित भारत को भी इस्लामिक राष्ट्र बनाने के अघोषित षड्यंत्र के अंतर्गत देश विभाजन की शर्त का उल्लंघन करते हुए मुस्लिम समुदाय को भारत में रोक लिया। हिन्दुओं के साथ गांधी और नेहरू का सबसे बड़ा विश्वासघात था, जिसे अधिसंख्य हिन्दू आज तक नहीं समझ पाए। यह हिन्दू समाज और देश का महादुर्भाग्य सिद्ध हो रहा है।
द्विवेदी ने कहा कि देश विभाजन की शर्त के अनुसार, हिन्दू मुस्लिम आबादी की अदला-बदली करने व पाकिस्तान और बांग्लादेश के विश्व के मानचित्र से अस्तित्व मिटाकर दोनों की भौगोलिक सीमाओं को भारत में मिलाकर 14 अगस्त 1947 के दिन अखंड भारत का पुनर्निर्माण किए बिना भारतवर्ष की स्वतंत्रता के उत्सव का कोई अर्थ नहीं। रविन्द्र द्विवेदी ने भारतवासियों से 15 अगस्त को काला दिवस के रूप में मनाते हुए वीर सावरकर और महात्मा गोडसे के हिन्दू राष्ट्र निर्माण का संकल्प लेने का आह्वान किया।
इधर शिवसेना नेता संजय राउत ने कहा कि पाकिस्तान कभी भी भारत का दोस्त नहीं बन सकता। उन्होंने यह भी कहा कि इस बात का भान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी है।
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