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पाठ करने वालों को मिलती है इच्छाओं-आकांक्षाओं से मुक्ति

locationमुंबईPublished: May 19, 2019 05:45:03 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

धन गुरु नानक डेरा बाबा थाहिरया सिंह दरबार

धन गुरु नानक डेरा बाबा थाहिरया सिंह दरबार

धन गुरु नानक डेरा बाबा थाहिरया सिंह दरबार

उल्हासनगर. धन गुरु नानक डेरा बाबा थाहिरया सिंह दरबार कैंप तीन सेक्शन 17 में इच्छापूरक चालीहा के दौरान भाई साहेब त्रिलोचन सिंह ने कहा कि श्री जपजी साहेब का पाठ गुरु नानक देव के मुखारविंद से निकली हुई वाणी है।
जिन्होंने अपनी संगत को कृतार्थ करने के लिए यह वचन कहे कि सब तेरा दिया हुआ है मालिक। यह शरीर, यह आत्मा और सोचने समझने की शक्ति सब तेरी दी हुई है। इंसान का अपना कुछ भी नहीं है। इसलिए गुरु की वाणी यानी श्री जपजी साहेब का पाठ करना अत्यंत आवश्यक है। इससे इच्छाओं और आकांक्षाओं से मुक्ति मिलती है और इंसान परमार्थ के पथ पर चलने लगता है। संगत के साथ बैठकर पाठ करने का बड़ा महातम है। नित नियम से आखरी के 13 दिन श्री जपजी साहेब का पाठ अवश्य करें। 13 दिनों का पाठ रविवार से प्रारंभ हो रहा है।

भगवान बुद्ध ने शांति का संदेश दिया

मुंबई. बुद्ध पूर्णिमा पर पश्चिम उपनगर में जगह-जगह भगवान गौतम बुद्ध की शोभायात्रा निकाली गई। तमाम बुद्ध बिहारों मे धम्मदेशना का भी आयोजन किया गया जहां गौतम बुद्ध के विचारों पर चर्चा हुई। मालाड के कुरार विलेज, कांदिवली के हनुमान नगर, अंबेडकर नगर, दामू नगर, गोरेगांव के संतोष नगर आदि इलाकों मे बुद्ध पूर्णिमा पर विविध धार्मिक कार्यक्रमों व गोष्ठियों का आयोजन किया गया। वक्ताओं ने भगवान बुद्ध के कृतित्व व व्यक्तित्व पर प्रकाश डाला तथा उनके बताए मार्ग पर चलने का संकल्प लिया। बौद्ध महासभा के तत्वावधान में अंबेडकर चौक से शोभायात्रा निकाली गई। वहां ंंआयोजित सभा में भगवान बुद्ध के सिद्धातों पर प्रकाश डालते हुए उसे विश्व शाति के लिए आवश्यक बताया।

विशेष झांकी सजाई गई
बौद्धाचार्य संजय वानखेडे ने बताया कि आज का दिन गौतम बुद्ध के अनुयायियों के लिए खास है। भगवान बुद्ध ने पूरी दुनिया को शांति और सद्भावना का संदेश दिया। बौद्ध बिहारों मे विशेष तौर पर झांकी सजाई जाती है। वैसाख महीने की पूर्णिमा के दिन ही भगवान बुद्ध का जन्म हुआ था। इस दिन पवित्र नदियों में स्नान का विशेष महत्व है।

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