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Maha Senior Citizen: महाराष्ट्र में लागू होगी ये योजना, बुजुर्गों को नहीं होगी ये गंभीर बीमारी

locationमुंबईPublished: Jan 19, 2020 07:43:50 pm

Submitted by:

Rohit Tiwari

महाराष्ट्र ( Maharshtra ) में आयुष्मान भव योजना ( Ayushman Bhava Scheme ) लागू करने का निर्णय (Decision ), अकेलेपन ( Loneliness ) और अवसाद ( Depression ) से जूझ रहे बुजुर्गों ( Elderly ) को मिलेगी राहत, मधुमेह, दृष्टि हानि समेत अन्य बीमारियों की चपेट में रहते हैं अधिकांश बुजुर्ग, रिपोर्ट में उजागर हुआ बुजुर्गों की समस्याओं का प्रमुख कारण

Maha Senior Citizen: महाराष्ट्र में लागू होगी ये योजना, बुजुर्गों को नहीं होगी ये गंभीर बीमारी

Maha Senior Citizen: महाराष्ट्र में लागू होगी ये योजना, बुजुर्गों को नहीं होगी ये गंभीर बीमारी

रोहित के. तिवारी
मुंबई. बुजुर्ग लोग अक्सर मधुमेह, दृष्टि हानि और अन्य बीमारियों के साथ अकेलेपन का सामना करते हैं, जिसके चलते उन्हें मनोवैज्ञानिक समर्थन और उपचार की भी आवश्यकता होती है। इसलिए स्वास्थ्य विभाग ने राज्य के पांच जिलों में खास तौर पर बुजुर्गों के लिए एक आयुष्मान भव’ योजना लागू करने का निर्णय लिया है। साथ ही गांवों में बुजुर्गों के लिए विभिन्न गतिविधियों की भी तैयारी की गई है। वहीं इंडियन कौन्सिल ऑफ मेडिकल रिसर्च और यूएनएफपीए की रिपोर्ट में बताया गया है कि वृद्धावस्था की समस्याओं के बीच अवसाद अकेलेपन का प्रमुख कारण है। इस आधार पर केंद्र सरकार के स्वास्थ्य विभाग ने बुजुर्गों के लिए एक राष्ट्रीय स्वास्थ्य नीति के कार्यान्वयन पर जोर दिया।

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स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम…
केंद्र की नीति के अनुसार, स्वास्थ्य विभाग ने टाटा ट्रस्ट की मदद से जुलाई 2018 को चंद्रपुर जिले में बुजुर्गों के लिए एक व्यापक स्तर पर स्वास्थ्य देखभाल कार्यक्रम लागू किया और स्वास्थ्य विभाग के डॉक्टरों, नर्सों, आशा कार्यकर्ताओं और टाटा ट्रस्ट के कर्मचारियों ने चंद्रपुर के गांवों में बुजुर्गों के स्वास्थ्य का निरीक्षण किया। इनमें मधुमेह, रक्तचाप, वृद्धावस्था, योग, हाथों की शिथिलता, गर्दन का व्यायाम और स्वास्थ्य देखभाल कैसे करें समेत पुरानी बीमारियों से निपटने के बारे में जानकायां शामिल थीं।

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अब बुजुर्ग खुद रख सकते हैं अपना ध्यान…
बुजुर्गों के अकेलापन महसूस करने में मदद करने के लिए मनोरंजन कार्यक्रम भी आयोजित किए गए थे। इसके लिए 117 डॉक्टरों, 709 नर्सों और 297 आशा कार्यकर्ताओं की ओर से कार्यान्वित कार्यक्रम के तहत करीब 13 हजार 347 बुजुर्गों की पूरी तरह से जांच की गई थी। वहीं सितंबर 2018 तक 25 हजार 143 बुजुर्गों को गांव के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों और उप-केंद्रों में स्वास्थ्य सलाह दी गई। इससे ग्रामीण क्षेत्रों के बुजुर्गों में स्वास्थ्य जागरूकता पैदा हुई है। स्वास्थ्य विभाग में वरिष्ठ डॉक्टरों का कहना है कि उन बुजुर्गों का मानना है कि अब हम अपने स्वास्थ्य का ध्यान रख सकते हैं।

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योजना का विस्तार ..
बुजुर्गों के स्वास्थ्य के लिए यह ‘आयुष्यमान भव’ योजना टाटा ट्रस्ट के सहयोग से नंदूरबार जिले के शाहादा में कार्यान्वित की जा रही है। इसके अलावा स्वास्थ्य विभाग ने अब वर्धा, भंडारा, वाशिम, हिंगोली और जालना जिलों में बुजुर्गों की स्वास्थ्य योजनाओं को लागू करने का निर्णय लिया है। ग्रामीण क्षेत्रों में लोग अब केवल कृषि पर निर्भर नहीं हैं, बल्कि कई लोग आजीविका के लिए शहरों की ओर भी रुख करते हैं। उस समय घर में बुजुर्गों को देखने के लिए किसी के भी पास समय नहीं होता है।

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स्वास्थ्य देखभाल को प्राथमिकता…
गांवों में क्रियान्वित किए जा रहे विभिन्न कार्यक्रमों के माध्यम से बुजुर्गों को जागरुक किया जा रहा है, जबकि अकेलेपन और अवसाद ने बुजुर्गों को उलझा कर रख दिया है। ऐसे बुजुर्गों को मानसिक उपचार और स्वास्थ्य देखभाल के लिए प्राथमिकता दी जा रही है।
– डॉ. साधना तायड़े, निदेशक, स्वास्थ्य विभाग

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