प्रधानमंत्री व सरकार की कार्यशैली को दबावकारी ठहराते हुए सिन्हा ने कहा कि अब तो राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ भी वेदना व्यक्त करने लगा है। संघ की वेदना का थोड़ा ध्यान रखा जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि वे किसी पहचान या टिकट के मोहताज नहीं हैं। इसलिए जहां भी खुलकर बोलने की आवश्यकता होगी, बोलते रहेंगे। काटोल में एक कार्यक्रम के सिलसिले में आए सिन्हा चुनिंदा पत्रकारों से विविध विषयों पर चर्चा कर रहे थे। कार्यक्रम का आयोजन भाजपा के विधायक आशीष देशमुख ने किया था।
रफ़ाल मामले पर सिन्हा ने कहा कि सरकार को विमान सौदे का सीधे तौर पर दाम बताना चाहिए। अरुण जेटली रक्षा विभाग के मंत्री नहीं हैं, उनके जवाब का कोई मतलब नहीं है। वास्तविकता का सामना करने के बजाय फेक न्यूज का सहारा लेने का जो चलन चल रहा है, वह लंबे समय तक नहीं चल पाएगा। लोग हमें पर संदेह की नजर से देख रहे हैं। ईमानदारी व पारदर्शिता साथ-साथ नहीं दिखती है, लेकिन यह भी नहीं भुलाया जा सकेगा।
राहुल ने पीएम व अनिल अंबानी को घेरा
इधर कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष राहुल गांधी ने रफाल सौदे के मुद्ये पर प्रधानमंत्री और अनिल अंबानी को घेरा है। राहुल गांधी ने रफाल सौदे को सुरक्षाबलों पर सर्जिकल स्ट्राइक बताया है।