Shiv Sena News: शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 56 साल पहले मुंबई के शिवाजी पार्क में पहली रैली की थी और उसके बाद हर साल दशहरे पर यह कार्यक्रम होने लगा। उनके बाद उद्धव ठाकरे इस रैली की अगुवाई करने लगे।
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Shiv Sena Dussehra Melawa: महाराष्ट्र की राजनीतिक के लिए बुधवार का दिन बेहद अहम होने वाला है। कल यानी 5 अक्टूबर को दशहरा के मौके पर शिवसेना (Shiv Sena) के दोनों धड़ों- उद्धव ठाकरे (Uddhav Thackeray) और एकनाथ शिंदे मुंबई में रैली (Dussehra Rally) कर हुंकार भरेंगे। मुंबई के शिवाजी पार्क में उद्धव गुट और शहर के ही बीकेसी ग्राउंड (BKC) में मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) की अगुवाई वाला खेमा शक्ति प्रदर्शन करेगा. इस बीच एक बड़ी खबर मिल रही है।
मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, एकनाथ शिंदे समूह की दशहरा रैली में बीजेपी नेताओं के शामिल होने पर सस्पेंस बरकरार है। सूत्रों के हवाले से पता चला है कि बीजेपी नेता सीएम शिंदे की दशहरा रैली में नहीं जाएंगे। बीजेपी आलाकमान के निर्देश पर महाराष्ट्र के पार्टी नेता शिंदे गुट के इस शक्तिप्रदर्शन कार्य्रकम से दूरी बनाकर रखेंगे।
इसके साथ ही उस चर्चा पर भी विराम लग गया है, जिसमें कहा जा रहा था कि एकनाथ शिंदे के प्रति मजबूत समर्थन दिखाने के लिए उनकी दशहरा रैली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह मौजूद रहेंगे।
असली शिवसेना के लिए क्यों खास है दशहरा रैली?
शिवसेना के लिए दशहरा रैली (Dussehra Melawa) का विशेष स्थान है। शिवसेना के संस्थापक बाल ठाकरे ने 56 साल पहले मुंबई के शिवाजी पार्क में पहली रैली की थी और उसके बाद हर साल दशहरे पर यह कार्यक्रम होने लगा। उनके बाद उद्धव ठाकरे इस रैली की अगुवाई करने लगे। इस रैली में शिवसेना पार्टी का एजेंडा घोषित करती है, अपने प्रतिद्वंद्वियों पर निशाना साधती है तथा अपने समर्थकों के लिए प्रेरक भाषण देती है।
वर्ष 2012 में जब बाल ठाकरे का निधन हुआ, तब इसी मैदान में उनका अंतिम संस्कार किया गया था। शिवसैनिक इसे शिवाजी पार्क ‘शिवतीर्थ’ कहते हैं जहां अब बाल ठाकरे का स्मारक है। यही वजह है कि शिवाजी पार्क शिवसेना के दो धड़ों के बीच घमासान का नया विषय बन गया है। एक धड़े की अगुवाई महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे कर रहे हैं जबकि दूसरे धड़े का नेतृत्व उनके पूर्ववर्ती उद्धव ठाकरे कर रहे हैं। शिंदे की बगावत के बाद उद्धव ठाकरे सरकार जून में गिर गयी। पार्टी के ज्यादातर विधायक शिंदे के साथ गये और शिंदे ने बीजेपी के साथ मिलकर महाराष्ट्र में नई सरकार स्थापित की।