मुंबईPublished: Nov 09, 2022 07:47:03 pm
Chandra Prakash sain
मनी लांड्रिंग मामले में 1 अगस्त को हुई थी गिरफ्तारी
ईडी को झटका, जश्न के मूड में शिवसेना का उद्धव गुट
मुंबई. मनी लांड्रिंग मामले में गिरफ्तारी के 101 दिन बाद शिवसेना के राज्यसभा सदस्य संजय राउत को बुधवार को विशेष पीएमएलए कोर्ट से जमानत मिल गई। कागजी औपचारिकताएं पूरी होने के बाद राउत को ऑर्थर रोड जेल से रिहा कर दिया गया। समर्थकों ने गाजे-बाजे के साथ उनका स्वागत किया। दशहरा-दिवाली पर सूने रहे उनके बंगले पर खास सजावट की गई है। प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने लंबी पूछताछ के बाद एक अगस्त को राउत को गिरफ्तार किया था। उन्होंने सितंबर में जमानत याचिका लगाई थी, जिस पर सुनवाई दो नवंबर को ही पूरी हो गई थी। विशेष अदालत के जज एमजी देशपांडे ने आज फैसला सुनाया। राउत की जमानत के खिलाफ दाखिल अर्जी खारिज कर कोर्ट ने ईडी को झटका दिया। राउत को जमानत मिलने से शिवसेना उद्धव बालासाहेब ठाकरे गुट में जश्न का माहौल है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे ने फोन कर राउत को शुभकामनाएं दीं और जल्द ही मिलने की उम्मीद जताई। राउत के साथ ही उनके करीबी प्रवीण राउत को भी जमानत मिल गई है। राज्यसभा सदस्य के परिवार की 11.15 करोड़ की संपत्ति जांच एजेंसी कुर्क कर चुकी है। वहीं, जमानत पर राउत की रिहाई के खिलाफ ईडी ने बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है।
तबीयत ठीक नहीं
शिवसेना सांसद के विधायक भाई सुनील ने बताया कि राउत की तबीयत ठीक नहीं है। पार्टी प्रमुख उद्धव ठाकरे व कुछ अन्य लोगों से मुलाकात के बाद वे अस्पताल में भर्ती हो सकते हैं। उन्होंने कहा कि हमारे लिए आज ही दिवाली है। हमारी आंखों में खुशी के आंसू हैं। संजय ने कुछ गलत नहीं किया है। हमें पूरा भरोसा था कि वे जमानत पर रिहा होंगे।
किस मामले में फंसे राउत
मामला मुंबई के गोरेगांव स्थित पात्रा चॉल (सिद्धार्थ नगर) के पुनर्विकास परियोजना में फर्जीवाड़े से जुड़ा है। यह प्रोजेक्ट एचडीआइएल की सहायक गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन को म्हाडा ने दिया था। रहिवासियों को घर दिए बिना ही गुरु आशीष ने जमीन बेचकर 1034 करोड़ रुपए जुटा लिए। इसमें से एचडीआइएल ने 112 करोड़ रुपए गुरुआशीष के डायरेक्टर प्रवीण को दिए। आरोप है कि फर्जीवाड़े की रकम प्रवीण ने राउत और उनकी पत्नी को दी। दोनों के बीच वित्तीय लेन-देन के सबूत भी जांच एजेंसी के साथ लगे हैं।
बचाव में राउत के तर्क
जमानत याचिका में राउत ने कोर्ट को बताया कि उनके खिलाफ मामला 'सत्ता के दुरुपयोगÓ व 'राजनीतिक प्रतिशोधÓ का उदाहरण है। जमानत अर्जी का विरोध करते हुए ईडी ने राउत ने पात्रा चॉल पुनर्विकास प्रोजेक्ट में अहम भूमिका निभाई। पर्दे के पीछे रहते हुए काम किया। प्रवीण से मिली रकम से मुंबई के दादर में फ्लैट और रायगड के अलीबाग के किहिम बीच पर भूखंड खरीदे। 31 जुलाई के छापे में राउत के घर से ईडी को 11.50 लाख रुपए कैश मिला था।