शिवसेना ने आगे कहा कि रक्षा मंत्री सीतारमन अभी भी बीजेपी प्रवक्ता की भूमिका से बाहर नहीं निकली हैं। ऐसा लगता है इन दिनों चर्चित रफाल घोटाले की वकालत करने में उनके व्यस्त होने की वजह से सेनाप्रमुख ने पाकिस्तान को चेतावनी दे दी है। शिवसेना ने आगे कहा कि कश्मीर में जहां एक तरफ जवानों की जान जा रही है, वहीं उनके परिवार बेसहारा हो रहे हैं, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक का झुनझुना बजाकर उस पर राजनीति हो रही है। यह जवानों का अपमान है। सर्जिकल स्ट्राइक दुश्मन को अचानक धक्का देने लिए होती है, लेकिन इस तरह के धक्के से पाकिस्तान का दिमाग ठिकाने आने से रहा।
अब जनता को होना चाहिए 56 इंच का दर्शन
सामना के संपादकीय में कहा गया कि अयोध्या आंदोलन में कारसेवकों की शहादत से सरयू नदी लाल हो गई, लेकिन मंदिर आज तक निर्मित नहीं हो सका। ठीक उसी तरह अब कश्मीर और पाकिस्तान के बारे में राजनीति की जा रही। सर्जिकल स्ट्राइक से सवाल खत्म नहीं हुआ। इसलिए अगला सख्त कदम उठाना ही देश हित में रहेगा और उसके लिए अब 56 इंच के वीर की छाती का दर्शन जनता को होना चाहिए। 2 साल पहले हुई सर्जिकल स्ट्राइक पाकिस्तान को सबक सिखाने के लिए हुई थी, लेकिन उसकी जीत के सहारे बीजेपी ने उत्तरप्रदेश विधानसभा चुनाव लड़ा। बीजेपी ने यूपी में फतेह हासिल की, लेकिन सर्जिकल स्ट्राइक से पाकिस्तान ने क्या सबक लिया? ये सोचने वाली बात है। अब इस सर्जिकल स्ट्राइक के दिन शौर्य दिवस या विजय दिवस मनाओ, ऐसा आदेश विश्व विद्यालयों को दिया गया है। जवानों की वीरता का सम्मान करने का यह कैसा नया तरीका है।