कोरोना वायरस मारने में 99.994 फीसदी प्रभावी
दुनिया के कई देशों में किए गए प्रयोग में यह उपकरण वायरस के मौजूदा स्वरूप के साथ ही भविष्य के वैरिएंट और म्यूटेंट को बेअसर कर सकता है। शायकोकैन उपकरण कोरोना और इंफ्लुएंजा के वायरस को निष्क्रिय करने में 99.994 प्रतिशत तक प्रभावी है।
अमरीका के एफडीए और यूरोपीय यूनियन की मंजूरी
डॉ. राजा ऑर्गनाइजेशन डिस्कैलन के वैश्विक अध्यक्ष हैं। शायकोकैन उपकरण का का विकास उन्होंने संस्था के बेंगलुरू परिसर में किया है। पिछले साल जुलाई में इसे अमरीका के एफडीए और यूरोपीय यूनियन की मंजूरी मिल चुकी है। 30 से ज्यादा आविष्कार कर चुके डॉ. राजा कैंसर के इलाज में कारगर सायटोट्रॉन नामक ऐसी मशीन भी बना चुके हैं, जिससे नुकसानदेह रेडिएशन नहीं फैलता।
कैसे करता है काम
पर्यावरण संतुलन को कायम रखते हुए यह उपकरण कोविड-इन्फ्लुएंजा परिवार के सभी वायरस के प्रसार को रोकता है। कोरोना एक पॉजिटिव चार्ज वायरस है, जिसका एस-प्रोटीन हमारी कोशिका से जुड़ता है और खुद में वृद्धि के लिए फोटोकॉपी मशीन की तरह अपने कोशिकीय तंत्र का उपयोग करता है। शायकोकैन इसके पॉजिटिव चार्ज को बेअसर कर देता है।