srikrishna Janmastmi : बच्चे तो भगवान का रूप है, यहां न जांत-पांत है, न धर्म भेद ही…
वृंदावन का कृष्ण-कन्हैया सबकी आंखों का तारा…
डिवाइड एंड रूल, अंग्रेज यह जहर भारत मे घोल कर चले गए और भारत जैसा विशाल देश उस विष की वजह से खंड-खंड में तब्दील हो गया। पर आज भी समाज मे कई लोग हैं, जो धर्म से ज्यादा भाईचारे और इंसानियत को तरजीह देते हैं। इसका ताजातरीन उदाहरण मुम्बई को जन्माष्टमी के एक दिन पहले शुक्रवार को देखने को मिला।
srikrishna Janmastmi : बच्चे तो भगवान का रूप है, यहां न जांत-पांत है, न धर्म भेद ही…,srikrishna Janmastmi : बच्चे तो भगवान का रूप है, यहां न जांत-पांत है, न धर्म भेद ही…
मुंबई. डिवाइड एंड रूल, अंग्रेज यह जहर भारत मे घोल कर चले गए और भारत जैसा विशाल देश उस विष की वजह से खंड-खंड में तब्दील हो गया। पर आज भी समाज मे कई लोग हैं, जो धर्म से ज्यादा भाईचारे और इंसानियत को तरजीह देते हैं। इसका ताजातरीन उदाहरण मुम्बई को जन्माष्टमी के एक दिन पहले शुक्रवार को देखने को मिला। चेम्बूर में स्थित सेंट फ्रांसिस्को इंटरनेशनल स्कूल में पढऩे वाला अलमीर सुल्तान खान स्कूल में आयोजित जन्माष्टमी महोत्सव में नटखट कन्हैया बन कर गया। मुस्लिम समाज से होने के बावजूद उसके माता-पिता ने उसे कृष्ण का रूप देकर स्कूल भेजा। बच्चे को बढ़ावा दिया। सुल्तान की तारीफ स्कूल के साथ अन्य समाज के लोगों ने भी की। आखिर बच्चे भगवान का रूप ही तो होते हैं।
तो वहीं मीरा रोड के एक स्कूल में फैंसी ड्रेस मनाया गया। इसी स्कूल में पढऩे वाले आफान ने इसमें हिस्सा लिया। वह कृष्ण जन्माष्टमी के अवसर पर कृष्णा (गोविंदा) बना था। स्कूल का समय और शुक्रवार का नमाज का समय आस पास होने के कारण आफान के पिता अजीम तांबोली ने अपने पुत्र को स्कूल पहुंचा कर नमाज अदा करने गए, इस अवसर पर लिया गया यह फोटो एक सामाजिक एकता और प्रेम को प्रदर्शित करती है।
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