नारपोली में श्रीमद् भागवत कथा
ईश्वर भी भक्त की भक्ति का सम्मान करते हैं
नारपोली में श्रीमद् भागवत कथा
ठाणे. श्री बालाजी मानव सेवा समिति व श्रीकृष्ण जनकल्याण सेवा समिति की ओर से श्रीमद भागवत कथा का आयोजन हनुमान मंदिर नारपोली भिवंडी में हुआ। काशी के भागवत भास्कर श्रीकांत ने कथा में सुदामा और कृष्ण के चरित्र को भक्तों ने सुनाकर भाव-विवह्ल कर दिया। लोगों की आंखें नम हो गईं।
कथावाचक कहा कि सुदामा अपनी पत्नी सुशीला के कहने से अपने बचपन के प्रिय मित्र श्रीकृष्ण से मिलने द्वारिका नगरी गए। उनके मित्र भगवान श्रीकृष्ण ने उनके अतिथि सत्कार के साथ-साथ उनके आत्म -सम्मान और उनके स्वाभिमान का भी पूरा ध्यान रखा। जो भगवान श्री कृष्ण के अनुसार एक भक्त की भक्ति का सम्मान करना भगवान का परम कार्य है। महराज ने बताया कि भगवान गाय और ब्राह्मण की सेवा तो वैसे भी करते है। मित्रता के वशीभूत भगवान श्रीकृष्ण ने वापस लौटते मित्र को दो लोक की संपत्ति ही दे डाली।
कथावाचक ने कहा कि मित्र सुदामा अपने घर पहुंच कर अचंभित रह गए कि उनकी झुग्गी-झोपड़ी की जगह पर आलीशान महल कैसे तैयार था। लेकिन पत्नी सुशीला के महल से आवाज सुनकर उन्हें राहत मिली और महल से नौकर आकर अपने साथ लेकर गए।
कथा में आयोजन समिति के नवल किशोर गुप्ता, कौशल मिश्रा, इन्द्रबहादुर सिंह, धर्मेंद्र पाण्डेय, वीरेंद्र मिश्रा, धर्मेंद्र सादो, रमेश तिवारी, प्रवीण तिवारी आदि सक्रिय रहे।
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