महाराष्ट्र की उप राजधानी नागपुर निवासी डॉक्टर वी. निरंजनी और जीवी हरीश की शादी अभी पांच दिन पूर्व ही हुई, उन्होंने अपने तरीके से कभी न भूलने वाले शादी पलों को बेहद खास बना दिया। दरअसल, शादी में बाकायदा एक स्पेशल डेस्क बनाई गई, जिस पर शादी समारोह में शामिल होने वाले आए मेहमानों से ब्लड स्टेम सेल को डोनेट करने का अधिकारिक फॉर्म भरवाया गया। दुल्हन पहले से अपना ब्लड स्टेम सेल डोनेट कर चुकी थी, तो दूल्हे ने इस अवसर को इसके लिए चुना।
आजकल दुनिया में हर कोई शादी के उन यादगार लम्हों को संजोकर रखना चाहता है और उन पलों को यादगार बनाने के लिए हर जोड़ा अपने-अपने तरीके से कुछ अलग और जुदा करने में जुटे हैं। अभी हाल ही में जहां बी-टाउन की प्रियंका चोपड़ा ने शादी की अपने तरीके से जयपुर में मनाई और उसे यादगार बनाने के लिए कोई कोर-कसर बाकी नहीं रखी, वहीं अंबानी परिवार ने भी अपनी बेटी की शादी में जुदा अंदाज में समारोह का आयोजन किया। ठीक वैसे ही अब शादी की लम्हों को यादगार और अनोखा बनाने की फेहरिस्त में एक और नाम नागपुर से जुड़ गया है। डॉक्टर वी. निरंजनी और जीवी हरीश की शादी इस ब्लड स्टेम सेल डोनेट कराने की पहल से लोगों की जुबां पर आ गया है।
दूल्हे को मिली दुल्हन से प्रेरणा…
अपने शादी समारोह में दूल्हा जीवी हरीश ने दात्री नामक एनजीओ की इस पहल में फॉर्म भरकर शरीक हुए तो शादी में शामिल होने आए कई मेहमानों ने भी ब्लड स्टेम सेल दान करने के लिए अपने-अपने फॉर्म भरे। वहीं दुल्हन डॉ. वी. निरंजनी की माने तो वे छह साल पहले ही अपने स्टेम सेल डोनेट कर चुकी हैं। वहीं हरीश की मानें तो वे इसकी पे्ररणा का पूरा श्रेय पत्नी निरंजनी को देते हैं। बकौल हरीश, जब हमारी मुलाकात हुई तो पता चला कि पत्नी पहले ही स्टेम सेल्स डोनेट कर चुकी है, तो मैंने उसकी जरूरत महसूस करते हुए अपने सेल्स दान करने के लिए अपनी शादी का खास दिन चुना।
निरंजनी की मां की थी खास योजना
शादी में अलग अंदाज में नजर आने वाली दुल्हन की 50 वर्षीय मां मीनाक्षी से पता चला कि उन्होंने 2008 में ही पंजीकरण करा चुकी थीं। मीनाक्षी ने कहा उसी दरम्यान उनकी बेटी निरंजनी ने भी फॉर्म भरा था, लेकिन किन्हीं कारणों से उसे फिर से 2012 में अपने ब्लड स्टेम सेल के दान की प्रक्रिया को पूरा करना पड़ा। दुल्हन की मां ने बताया कि बेटी को सामने से फोन आने पर इतनी उत्सुकता थी कि उसने छह साल पहले चेन्नई जाकर अपने स्टेम सेल डोनेट करने के लिए खुद अकेले वहां पहुंच गई थी।
शादी में अलग अंदाज में नजर आने वाली दुल्हन की 50 वर्षीय मां मीनाक्षी से पता चला कि उन्होंने 2008 में ही पंजीकरण करा चुकी थीं। मीनाक्षी ने कहा उसी दरम्यान उनकी बेटी निरंजनी ने भी फॉर्म भरा था, लेकिन किन्हीं कारणों से उसे फिर से 2012 में अपने ब्लड स्टेम सेल के दान की प्रक्रिया को पूरा करना पड़ा। दुल्हन की मां ने बताया कि बेटी को सामने से फोन आने पर इतनी उत्सुकता थी कि उसने छह साल पहले चेन्नई जाकर अपने स्टेम सेल डोनेट करने के लिए खुद अकेले वहां पहुंच गई थी।