सत्य शोधक संगठन के किशोर धमाले ने कहा कि राष्ट्रीय आपदा कानून में सुनामी, भूकंप आदि शामिल हैं परन्तु अकाल शामिल नहीं है। इसे शामिल करने से किसानों को सुविधा होगी। उन्होंने अकाल प्रभावित इलाकों के छात्रों की फीस माफ करने व डायरेक्ट बेनिफिशरी ट्रांसफर व्यवस्था को रद्द कर दलित आदिवासी छात्रावासों में भोजन की व्यवस्था करने की मांग की।
किसानों का ऋण नहीं किया गया माफ,हो रही परेशानी
उन्होंने कहा कि राज्य सरकार ने किसानों का 35 हजार करोड़ रुपए ऋण माफ करने की घोषणा की थी परंतु अबतक मात्र 16 हजार करोड़ रुपए ऋण ही माफ किया है। अब तक बैंकों में कर्जमाफी की राशि जमा नहीं हुई है। इसके चलते बैंक किसानों को ऋण नहीं दे रहे हैं। इसके चलते सूखा प्रभावित क्षेत्रों के किसान आत्महत्या कर रहे हैं।
आदिवासी कानून में दखल नहीं बर्दाशत
उन्होंने कहा कि किसानों की उपजाऊ जमीन को समृद्धि राजमार्ग, बुलेट ट्रेन, विदेशी कम्पनियों के लिए अधिग्रहण किया जा रहा है। किसान व आदिवासी चौतरफा परेशान हैं। वन विभाग आदिवासी कानून में दखल दे रहा है।
इन लोगों ने लिया भाग
इस धरना प्रदर्शन में रामसिंह गावित, करणसिंह कोंकणी, किशोर ढमाले, सादुबाई गावित, वनजी गायकवाड, यशवंत मालचे के नेतृत्व में सत्य शोधक शेतकरी सभा, सत्य शोधक ग्रामीण शेतकरी सभा नासिक, पुणे, नंदरवार, धुलिया, जलगांव, औरंगाबाद, मराठवाड़ा, उत्तर महाराष्ट्र के हजारों किसानों ने भाग लिया।