एमसीएलआर में पांच बेसिस प्वाइंट वृद्धि का मतलब ब्याज दर 0.05 प्रतिशत बढ़ जाएगी। इससे न सिर्फ नए ग्राहकों को लोन महंगा मिलेगा बल्कि पहले लिए कर्ज पर तुलनात्मक रूप से ज्यादा ईएमआइ चुकानी होगी।
रिजर्व बैंक गवर्नर ने दिए थे संकेत
एसबीआइ की ओर से एमसीएलआर में 10 बेसिस प्वाइंट वृद्धि की गई है। मतलब यह कि एसबीआइ का कर्ज 0.10 प्रतिशत महंगा हो गया है। एक्सिस बैंक ने भी एमसीएलआर पांच बेसिस प्वाइंट बढ़ाया है यानी इसका भी कर्ज 0.05 प्रतिशत महंगा हुआ है। एसबीआइ की तीन महीने की एमसीएलआर 6.75 प्रतिशत है जबकि छह माह के लिए यह दर 7.05 प्रतिशत और एक साल के लिए 7.40 प्रतिशत है।
बाकी बैंक भी एमसीएलआर बढ़ाने पर विचार कर रहे हैं। हालिया घोषित मौद्रिक नीति में भारतीय रिजर्व बैंक ने नीतिगत ब्याज दरों में कोई बदलाव नहीं किया था। ऊंची महंगाई को देखते हुए रिजर्व बैंक गवर्नर शक्तिकांत दास ने कर्ज महंगा होने का संकेत दिया था। जानकारों का कहना है कि चालू वित्तीय साल में आरबीआइ रेपो रेट बढ़ा सकता है।
आम आदमी के लिए बढ़ी परेशानी
पेट्रोल, बिजली और दैनिक उपयोग के सामानों की महंगाई से जूझ रहे आम आदमी के लिए बैंक कर्ज की बढ़ी दरें कमर तोडऩे वाली साबित होगी। पहले ही महंगाई की मार से त्रस्त लोगों पर यह बढ़ी रेट बड़ी मार वाली साबित होगी।