संगठनों ने की राज्य सरकार से शिक्षकों की सुरक्षा की मांग
सेवाओं को समाप्त करने का भी आदेश…
शिक्षकों की योग्यता का निर्धारण करने के लिए केंद्र सरकार ने 2010 में राष्ट्रीय शिक्षा परिषद को शैक्षिक प्राधिकरण घोषित किया था। इस पर परिषद की ओर से पहली से आठवीं तक के शिक्षकों के लिए टीईटी अनिवार्य कर दी गई। साथ ही टीईटी उत्तीर्ण न करने वालों को उनकी सेवाओं को समाप्त करने का भी आदेश दिया गया है। हालांकि अदालत ने आदेश दिया कि सेवा समाप्त नहीं की जानी चाहिए, क्योंकि यह मसला पहले से लंबित था। इसलिए फरवरी 2013 से शिक्षकों को टीईटी प्रमाण पत्र देना अनिवार्य है। वहीं स्कूल शिक्षा विभाग के माध्यमिक वर्ग के शिक्षाधिकारी डॉ. गणपत मोरे के सकुर्लर में स्कूलों के प्रिसिपल को वेतन न दिए जाने के निर्देश दिए गए हैं। वहीं जनवरी 2020 से शुरू होने वाले सभी वेतन के लिए प्रिंसिपल जिम्मेदार होंगे।