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ठाणे से सीएसएमटी 21 मिनट में पहुंचेंगे यात्री

locationमुंबईPublished: Jul 26, 2019 11:58:10 am

Submitted by:

Arun lal Yadav

बनाई गई भूमिगत रेल योजना

patrika mumbai

ठाणे से सीएसएमटी 21 मिनट में पहुंचेंगे यात्री

मुंबई. मुंबई रेलवे विकास निगम (एमआरवीसी) जल्द ही राज्य सरकार के पास तीन हाई-स्पीड कॉरिडोर के लिए प्रस्ताव भेजेगा। इसमें सबसे प्रमुख सीएसएमटी-ठाणे (पूरी तरह से भूमिगत) शामिल है। इस परियोजना के पूरे होने पर मुंबई छत्रपति शिवाजी टर्मिनस की 34 किमी की यात्रा का समय 40 मिनट के न्यूनतम समय से घटकर 21 मिनट हो जाएगी। यह प्रस्ताव एमयूटीपी 4 के तहत राज्य सरकार को अनुमोदन के लिए जल्द ही भेजा जाएगा। एमयूटीपी 3 और 3ए (पनवेल-वसई उपनगरीय गलियारे, सीएसएमटी-पनवेल हाई-स्पीड कॉरिडोर) में बनाई गईं परियोजनाएं अब एमयूटीपी 4 का एक हिस्सा होंगी। एमआरवीसी के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया कि सीएसएमटी-ठाणे के बीच 34 किमी भूमिगत गलियारा उपनगरीय नेटवर्क के नीचे से गुजरेगा। इस परियोजना की लागत 16,000 करोड़ रुपए आंकी गई है। अधिकारी ने कहा कि एक बार राज्य सरकार ने मंजूरी दे दी, तो इस परियोजना को अंतिम मंजूरी के लिए रेल मंत्रालय और तत्कालीन केंद्रीय कैबिनेट को भेजा जाएगा। वर्तमान में फास्ट ट्रेन से सीएसएमटी और ठाणे के बीच यात्रा करने में 40 मिनट लगते हैं। अधिकारी ने कहा कि यह यात्रा का समय 40 मिनट से घटकर 21 मिनट रह जाएगा। भूमिगत ट्रेन सीएसएमटी, दादर, कुर्ला, घाटकोपर और ठाणे में रुकेगी। बता दें कि वर्तमान में फास्ट लोकल ट्रेनें भायखला और ट्रेनें कुछ मुलुंड और भांडुप में भी रुकतीं हैं। इन ट्रेनों के स्टेशन में प्रस्तावित भूमिगत गलियारे में हाल्ट नहीं होंगे। एमआरवीसी के अधिकारी ने कहा कि यह सरकार को तय करना है कि परियोजना को कर्ज या सार्वजनिक-निजी-साझेदारी के माध्यम से पूरा किया जाएगा। पनवेल-वसई-विरार के बीच उपनगरीय गलियारा 64 किमी लंबा है, जिसमें से नौ किमी एलीवेटेड होगा। इस परियोजना पर 6,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है। एक अन्य लंबे प्रोजेक्ट सीएसएमटी-पनवेल को भी पुनर्जीवित किया जा रहा है। अब नए सिरे से प्रस्ताव राज्य सरकार को भेजा जाएगा। 55 किमी लंबी इस परियोजना पर 14,000 करोड़ रुपये खर्च होने की उम्मीद है।

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