इंपीरियल कोर्ट को. ऑप. हौ. सोसायटी 42 मलिन बस्तियों के पुनर्विकास को लंबित कर रहा है, निवासियों की दुनिया अधर में है। वहीं डेवलपर मोहम्मद कुरैशी ने खुलासा किया है कि स्थानीय लोगों ने आरोप लगाया है कि एसआरए की अनुमति के बावजूद हवाई अड्डे के प्राधिकरण से अनुमति मिलने के बाद ही परियोजना को कुछ समय के लिए रोक दिया गया था। वर्ष 2014 में पुनर्विकास परियोजना की सात मंजिला इमारत पूरी हुई और 42 घरों को निवासियों को सौंप दिया गया। जबकि 2012 में एसआरए प्राधिकरण ने 13 मंजिला इमारत के निर्माण के लिए एक नोटिस जारी किया, जिसके बाद ही हवाई अड्डा प्राधिकरण ने 13 मंजिला इमारत पर आपत्ति जताई।
मकान मालिक के उत्तराधिकारियों के साथ-साथ भवन के निर्माण के बीच एक आंतरिक विवाद है। इस बीच जुलाई 2019 में एसआरए प्राधिकरण ने सीबेड के निर्माण के लिए पूर्णता (सीसी) का प्रमाण पत्र स्वीकृत कर दिया है और एसआरए नियम के अनुसार प्रोजेक्ट-पेंडिंग (पीएपी) के लिए आरक्षित घरों को जल्द ही एसआरए प्राधिकरण को सौंप दिया जाएगा। वहीं डेवलपर ने स्पष्ट किया कि देरी का कारण दूर होते ही परियोजना जल्द पूरी हो जाएगी और जिन लोगों ने बुकिंग की है, उन्हें भी बिक्री घर में स्थानांतरित किया जाएगा।
विदित हो कि वर्तमान में मुंबई में 1,539 परियोजनाएं चल रही हैं। इनमें से 1039 परियोजनाओं को 2004 से पहले गैर-आपत्ति प्रमाण पत्र दिया गया है। प्राधिकरण ने कहा कि डेवलपर्स के पास पर्याप्त धन की कमी के कारण, इन परियोजनाओं में से 45 प्रतिशत से अधिक योजनाएं 15 वर्षों के लिए रखड़ रही हैं। वहीं एसआरए के नियमानुसार घरों को 10 वर्षों के भीतर बेचा नहीं जा सकता है, लेकिन सरकार ने नए अधिग्रहीत घर धारकों को नियमित करने का भी फैसला किया है, क्योंकि अधिकांश घर धारकों ने घर की बिक्री का खुलासा किया है।
उल्लेखनीय है कि एसआरए प्रोजेक्ट विभिन्न कारणों से विकसित नहीं हो पाते हैं, जिनमें डेवलपर्स और झुग्गी निवासियों के बीच विवाद और झुग्गी निवासियों के बीच मतभेद शामिल हैं। लेकिन इनमें से सबसे महत्वपूर्ण एसआरए परियोजनाओं के लिए डेवलपर्स के लिए धन की कमी पाई गई है। वहीं एसआरए प्राधिकरण के एक अधिकारी ने बताया कि इसलिए किसी भी पीएसआरए परियोजना के अनुमोदन से पहले, संलग्नक दस्तावेज (ऐनेक्सचर 3) को उन दस्तावेजों से संलग्न करना होगा, जो डेवलपर अनुमोदन कर रहा है। इससे पता चल सकेगा कि विकासक का कितना काम पूरा हो रहा है, साथ ही डेवेलपर के बैंक कागजात भी संलग्न होंगे, ताकि प्रोजेक्ट से संबंधित आर्थिक स्थिति पर नजर रखी जा सके।