scriptगलियों की रोशनी से बुलंद होता इनका हौसला | The enthusiasm of street lanes | Patrika News

गलियों की रोशनी से बुलंद होता इनका हौसला

locationमुंबईPublished: May 12, 2019 05:52:46 pm

Submitted by:

Devkumar Singodiya

मायानगरी में स्ट्रीट लाइट से संवर रहीं है किस्मत

 पढऩे के लिए विशेष लाइट

पढऩे के लिए विशेष लाइट

मुंबई. खाऊ वाली गल्ली से तो सभी परिचित हैं, जहां लजीज नाश्तों के साथ भोजन का भी लुत्फ उठाया जा सकता है। मगर मुंबई के वरली क्षेत्र में एक ऐसी अनोखी गली है, जहां सफलता की मंजिलों को पाने के लिए बच्चें रात भर पढ़ाई करते हैं। पोद्दार हॉस्पिटल के पीछे वाली इस गली को अभ्यास गली के नाम से जाना जाता है।
वरली के इस क्षेत्र में कभी सबसे अधिक कपड़ा मिलें हुआ करती थी। मिल श्रमिकों के छोटे-छोटे घर हुआ करते थे, जिसमें पढ़ाई करने वाले छात्र पढ़ाई पर फोकस नहीं कर पाते थे। लिहाजा वे एकांत की तलाश में इस गली में आकर स्ट्रीट लाइट की रोशनी में पढऩे लगे। इस साइलेंस वाले जोन गली में बीडीडी चाल, सिद्धार्थ नगर, गौतम नगर के झोपड़पट्टियों में रहने वाले विद्यार्थी पढऩे के लिए आते हैं। 10 वीं व 12 वीं की परीक्षा के समय यहां पढऩे वाले विद्यार्थियों की जमघट रात 10 बजे से तड़के चार बजे तक लगी रहती है। अभ्यास गली में पढऩे लायक माहौल है।

बैठने की व्यवस्था भी
इस गली में बैठने के लिए बेंच लगे हुए हैं, मगर अपने साथ चटाई लाकर जमीन पर ही पढ़ते हैं। परीक्षा के समय इस गली में विद्यार्थियों की संख्या अधिक रहती है जबकि अन्य दिनों में आमतौर पर पढ़ाई करने या किसी प्रतियोगिता की तैयारी करने वाले विद्यार्थी ही आते हैं। महानगर पालिका ने इस गली को अभ्यास गली का नाम दिया है और पढऩे के लिए विशेष लाइट की व्यवस्था भी की है। विद्यार्थियों का कहना है कि परीक्षा के समय इस गली में चलते फिरते शौचालय गाड़ी की व्यवस्था हो तो उन्हें शौचालय के लिए घर नहीं जाना पड़ेगा।

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