dharm: अंखियन हरि दर्शन की प्यासी…
मुंबईPublished: Apr 21, 2020 12:09:31 am
लाकडाउन में घरों में बैठकर साधना कर रहे भक्त
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बाबुलनाथ मंदिर के आसपास सन्नाटा पसरा
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मुंबई. कोरोना वायरस प्रकोप के चलते मंदिरों के पट बंद हैं। मंदिरों में नित्य दर्शन करने वाले भक्त अब घरों में बैठकर ही साधना कर रहे हैं। 20 मार्च से शुरू लॉक डाऊन के बाद शहर के सभी मंदिर बंद हैं, मंदिरों के आसपास जहां हर समय भक्तों की भीड़ लगी रहती थी वहां अब सूनापन दिखाई दे रहा है। मुंबई की आराध्य मुंबादेवी मंदिर में प्रतिदिन 10 हजार भक्त मत्था टेकते हैं। चैत्र नवरात्रि में तो प्रतिदिन 50 हजार भक्त पहुंचते हैं। इस बार लॉकडाऊन के चलते चैत्र नवरात्रि में यहां कोई उत्सव नहीं हुआ। मुंबादेवी मंदिर के व्यवस्थापक हेमंत जाधव बताते हैं कि अप्रैल के महीने में ज्यादातर हिंदी भाषी अपने गांव जाते हैं इस लिए गांव जाने से पहले वे सपरिवार माता मुंबादेवी का दर्शन जरूर करते हैं। इस महीने में बच्चों के मुंडन कार्य, परीक्षा देने वाले छात्रों के अलावा नवदंपत्ति भी बड़ी संख्या में दर्शन के लिए आते हैं।
सभी भक्तों के दिल में दर्द
अपने आराध्य से दूरी सभी भक्तों के दिल में दर्द दे रही है लेकिन माता भी नहीं चाहती कि भक्त कोरोना वायरस फैलाने की वजह बन सकें। श्री महालक्ष्मी मंदिर मुंबई ही नहीं बल्कि पर्यटकों के लिए भी आस्था का प्रतीक है। आम दिनों में यहां प्रतिदिन करीब 5 हजार श्रद्धालु दर्शन के लिए आते हैं। नवरात्रि के अवसर पर श्रद्धालुओं की संख्या 5 लाख तक पहुंच जाती है। मंदिर के व्यवस्थापक भालचंद्र वालावलकर ने बताया कि लॉकडाऊन में मंदिर पूरी तरह बंद है। मंदिर के पुजारी प्रतिदिन आरती, भोग आदि अनुष्ठान करते हैं। आसपास के लोग मंदिर के पास आकर दूर से ही मत्था टेककर चले जाते हैं। उन्होंने बताया कि अप्रैल के महीने में मंदिर में विवाहित जोड़े अधिक आते हैं।
अधिकतर भक्त ऑनलाइन कर रहे दर्शन
प्रभादेवी स्थित श्री सिद्धिविनायक मंदिर के प्रति श्रद्धालुओं की आस्था है। श्री सिद्धिविनायक मंदिर में प्रति दिन करीब 50 हजार श्रद्धालु दर्शन करने आते हैं। रविवार, मंगलवार व शनिवार को भक्तों की संख्या डेढ़ से 2 लाख तक हो जाती है। अंगारकी संकष्टी को भक्तों की संख्या 10 लाख तक पहुंच जाती है। गिरगांव चौपाटी स्थित राधा गोपीनाथ मंदिर, इस्कॉन के जुहू स्थित हरे कृष्ण धाम मंदिर के भी पट बंद है, अधिकतर भक्त ऑनलाइन दर्शन कर रहे हैं। प्राचीनतम मंदिरों में शामिल बाबुलनाथ मंदिर के आसपास सन्नाटा पसरा हुआ है, आसपास के लोग मंदिर के नीचे से ही शीश झुकाकर कोरोना संकट मुक्ति की कामना कर रहे हैं।