उल्लेखनीय है कि बिजली कटौती हिंदी भाषी इलाकों में ज्यादा हो रही है। यहां रात दस बजे से लेकर सुबह पांच बजे तक बिजली कटौती होती है। शुक्रवार को करीब सात घंटे तक अंधेरे में रहने के बाद परिसर में बिजली आई। बावजूद इसके रह-रह कर बिजली का आना-जाना लगा रहा।
कल्याण पूर्व के कार्यकारी अभियंता काशीनाथ बेले ने बताया कि चिंचपाड़ा परिसर स्थित मेन केबल से कंडक्टर टूट कर एक घर के पतरे पर गिर गया था। इसे ठीक करने के लिए लगभग दो सौ कर्मचारियों ने कड़ी मशक्कत की। इसके बाद बिजली आपूर्ति बहाल की गई। लेकिन लोगों का कहना है कि यह समस्या एक दिन की नहीं, आए दिन लोगों को बिजली कटौती का सामना करना पड़ रहा है।
बिजली की आंख मिचौली
जैसे जैसे गर्मी बढ़ रही है, दिवा में बिजली की आंख मिचौली शुरू हो गई है। पिछले 16 घंटे से बिजली ना होने के कारण दिवा वासियों को भारी परेशानी हुई। बिजली कटौती के चलते जहां लोगों को पानी की भी दिक्कत हुई। शनिवार रात करीब ढाई बजे के आसपास बिजली एकाएक गुल हो गई।
रविवार शाम छह बजे तक बिजली गुल रही। बिजली कटौती के कारण मोटर आदि न चल पाने से सोसायटियों में पानी की भारी किल्लत हो गई। स्थानीय निवासी चंदन मिश्रा और कप्तान पांडे ने बताया कि बिजली कटौती के कारण रात भर कोई सो नहीं पाया। रात भर मच्छरों का आतंक रहा।