शिवसेना सुप्रीमों व राज्य के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि गुवाहाटी में डेरा डाले हुए शिवसेना के विद्रोही विधायक ‘पार्टी तोड़ना’ चाहते हैं. उन्होंने आज फिर कहा कि मैं सत्ता का लालची नहीं हूं। जो लोग कहते थे हम मर जाएंगे लेकिन शिवसेना को कभी नहीं छोड़ेंगे, आज भाग गए। बागी विधायक शिवसेना को तोड़ना चाहते हैं अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें बालासाहेब और शिवसेना का नाम लिए बिना लोगों के बीच जाना चाहिए.
शिवसेना नेताओं को संबोधित करते हुए उद्धव ठाकरे ने कहा “बागी विधायक पार्टी तोड़ना चाहते हैं। मैंने सपने में कभी नहीं सोचा था कि मैं मुख्यमंत्री बनूंगा। मैंने वर्षा बंगला छोड़ा है लेकिन लड़ने की इच्छा नहीं छोड़ी है।
ठाकरे ने शिंदे पर निशाना साधते हुए कहा कि उन्होंने बागी नेता के लिए सब कुछ किया। उन्होंने कहा, “मैंने एकनाथ शिंदे के लिए सब कुछ किया। मैंने उन्हें वह विभाग दिया जो मेरे पास था। उनका अपना बेटा एक सांसद है और मेरे बेटे के बारे में टिप्पणियां की जा रही हैं। मेरे खिलाफ बहुत सारे आरोप लगाए गए हैं।”
उन्होंने कहा, “अगर उनमें हिम्मत है तो उन्हें बालासाहेब और शिवसेना का नाम लिए बिना लोगों के बीच जाना चाहिए।” पिछले साल सर्वाइकल स्पाइन सर्जरी कराने वाले ठाकरे ने कहा, “मेरी गर्दन और सिर में दर्द था, मैं ठीक से काम नहीं कर पा रहा था, मैं अपनी आंखें नहीं खोल सका लेकिन मुझे इसकी परवाह नहीं थी। शिवाजी महाराज हार गए लेकिन लोग हमेशा उनके साथ थे।” इस बैठक में शिवसेना नेता आदित्य ठाकरे भी मौजूद थे।
बता दें कि शिंदे गुट की बढ़ती ताकत ने महाराष्ट्र विकास अघाड़ी (एमवीए) सरकार को टूट के कगार पर खड़ा कर दिया है। मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने बुधवार को राज्य के नाम भावनात्मक संबोधन के बाद अपना सरकारी आवास ‘वर्षा’ खाली कर दिया था।