मुंबई के स्कूलों में सिर्फ एक ही शिक्षक, बताई जा रही यह बड़ी वजह ?
परियोजना के लिए 20 अंक…
यह स्कूल शिक्षा विभाग के लिए 11वीं का नया पाठ्यक्रम है। नए सिलेबस के अनुसार, अध्ययन पद्धति में कई बदलाव किए गए हैं। यह वह परिवर्तन है, जिसने 11वें-12वें वातावरण के साथ-साथ स्वास्थ्य और जल सुरक्षा को भी लाया है। पर्यावरण के विषय को पहले 50 अंक दिए गए थे। स्वास्थ्य और जल सुरक्षा को अब इसमें जोड़ा गया है, जबकि लेकिन नए सिलेबस के अनुसार अब इन विषयों में 50 अंकों के बजाय ग्रेड दिए जाएंगे। इसे चार ‘ग्रेड’ ए, बी, सी, डी दिए जाएंगे। ग्रेड विधि में, 30 अंक सिद्धांत हैं और 20 अंक परियोजना के लिए होंगे।
विभाग की ग्रेड पद्धति का विरोध…
इस परियोजना में छात्रों को स्वास्थ्य, पर्यावरण और जल सुरक्षा के लिए विभिन्न कार्यशालाओं, कार्यक्रमों का आयोजन करना होगा। साथ ही, छात्रों को परियोजना के माध्यम से जल सुरक्षा के महत्व का एहसास कराने के लिए नागरिकों के पास जाना होगा। इसके लिए इन अंकों को ग्रेड के माध्यम से सम्मानित किया जाएगा। इस स्थिति में यदि छात्रों को ‘डी’ ग्रेड मिलता है तो उन्हें अनुत्तीर्ण माना जाएगा। यदि छात्र अन्य विषयों में उत्तीर्ण है और इन विषयों में डी मिलता है तो भी छात्र पास नहीं होगा। स्कूल शिक्षा विभाग द्वारा इस संबंध में हजारों शिक्षकों को प्रशिक्षित किया गया है। हालांकि विभिन्न शिक्षक संघों, शिक्षकों के विधायकों और शिक्षा संस्थानों द्वारा शिक्षा विभाग की ग्रेड पद्धति का विरोध किया जा रहा है।
बिहार में पर्यावरण एवं जल संरक्षण पर ध्यान
अधिकारियों के लिए विशेष प्रशिक्षण…
हाल ही में महाराष्ट्र राज्य माध्यमिक और उच्चतर माध्यमिक शिक्षा बोर्ड ने अधिकारियों को छात्रों को पर्यावरण, स्वास्थ्य और जल सुरक्षा सिखाने के लिए विशेष प्रशिक्षण आयोजित किया। इसके बाद शिक्षा विभाग के एक वरिष्ठ अधिकारी ने मुंबई सहित राज्य के विभिन्न जूनियर कॉलेजों के शिक्षकों को दिए गए प्रशिक्षण के बारे में बताया। मुंबई, ठाणे, कल्याण, पालघर, रायगढ़ अलीबाग में विभिन्न जूनियर कॉलेज थे। बता दें कि मुंबई में, दक्षिण क्षेत्र में गिरगांव में लीलावती लालजी दयाल जूनियर कॉलेज, घाटकोपर में आरजे कॉलेज, विलेपार्ले के बांद्रा डहाणूकर कॉलेज और मलाड में चिल्ड्रन वेलफेयर सोसाइटी के जूनियर कॉलेज में इन प्रशिक्षणों को आयोजित किया गया था।