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मुंबई

भारतीय महिलाएं हर माह परिवार पर 40 हजार करोड़ कर रहीं कुर्बान

– गृहिणियां 15 से 40 हजार रुपए तक के घरेलू कार्य बिना पगार के कर रहीं- 60.6 करोड़ महिलाओं की तुलना में विश्व के मात्र 4.1 करोड़ पुरुष ही घर में अवैतनिक कार्य करते- 262 मिनट हर दिन दुनिया की महिलाए अवैतनिक घरेलू कार्य करती हैं जबकि पुरुष मात्र 135 मिनट- 15 घंटे से अधिक अवैतनिक कार्य कोरोना के दौरान महिलाओं ने पुरुषों की तुलना में हर हफ्ते किए

मुंबईJan 17, 2022 / 07:01 am

arun Kumar

भारतीय महिलाएं हर माह परिवार पर 40 हजार करोड़ कर रहीं कुर्बान

भारतीय महिलाएं हर माह परिवार पर 40 हजार करोड़ कर रहीं कुर्बान

अरुण कुमार
जयपुर. भारत समेत दुनिया की तमाम महिलाएं हर दिन इस सवाल से जूझती हैं कि उनके “घर के काम” को वो सम्मान क्यों नहीं मिलता जो पुरुषों के काम को दिया जाता है। यूरोप के तमाम देशों में यह मांग जोर पकडऩे लगी है। जबकि एक गृहिणी के रूप में महिलाओं के काम के घंटे पुरुषों की तुलना में कई गुना अधिक होते हैं। अंतर्राष्ट्रीय श्रम संगठन 2021 की रिपोर्ट के अुनसार विश्व में महिलाएं अवैतनिक घरेलू कार्यों के लिए कुल घंटों का 76 फीसदी समय देती हैं, जो पुरुषों की तुलना में तीन गुना अधिक है। एशिया और प्रशांत में यह आंकड़ा 80 फीसदी से अधिक है। भारत में करीब 20 करोड़ महिलाएं हर माह अवैतनिक घरेलू कार्य करते हुए औसतन 40 हजार करोड़ रुपए परिवार पर कुर्बान कर देती हैं।
भारत में नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ) 20२० के टाइम यूज सर्वे के अुनसार शहरी महिलाएं जहां 293 मिनट घर के काम काज पर देती हैं, पुरुष मात्र 94 मिनट ही निकाल पाते हैं। गांवों में महिलाओं के 301 मिनट की अपेक्षा पुरुष 98 मिनट देते हैं।
भारतीय गृहिणियों का आरोप है कि घर के काम को “आम” क्यों समझा जाता है? अगर कभी सहयोग मांगो भी तो तो जवाब मिलता है “आखिर… करती ही क्या हो…? मम्मी भी करती थीं उन्होंने तो कभी कुछ नहीं कहा।” अगर घर का काम “आम” है तो पुरुष सप्ताह में एक दिन ही करके दिखाएं, शायद सोच कुछ बदल जाए!
बीवियां 40 हजार रुपए तक की हकदार
एक अनुमान के अनुसार औसत शहर में मध्यम परिवार की पढ़ी-लिखी गृहिणी खाना पकाने, कपड़े घोने, साफ-सफाई, बच्चों को पढ़ाना, बुजुर्गों और युवाओं की देखभाल के अलावा घर के अन्य कार्य करती है तो वह 15 से 20 हजार रुपए की हकदार है। वहीं, मेट्रो शहरों की महिलाएं इसी कार्य के लिए मासिक 30 से 40,000 रुपए तक के कार्य करती हैं।
वेनेज़ुएला भुगतान करने वाला पहला देश
वेनेज़ुएला विश्व का पहला ऐसा देश है जहां 2007 से गृहिणियों को घरेलू कार्य के बदले भुगतान किया जा रहा है। यहां संविधान के अनुच्छेद 88 के तहत पहले चरण में 100,000 महिलाओं को 180 अमरीकी डालर प्रति माह दिए गए थे। कनाडा, नार्वे, पोलैंड और डेनमार्क में ऐसा कानून बनने के करीब है जबकि अमरीका, ऑस्ट्रेलिया, जर्मनी, ऑस्ट्रिया, इजराइल, आदि देशों में मांग जोरों पर है।
10 हजार अरब डॉलर के घरेलू कार्य
ऑक्सफैम की ‘टाइम टू केयरÓ की हालिया रिपोर्ट के अनुसार दुनियाभर की महिलाएं सालभर में करीब 10 हजार अरब डॉलर के अवैतनिक घरेलू कार्य करती हैं। यह रकम एप्पल के सालाना कारोबार का 43 गुना और फॉर्च्यून ग्लोबल 500 लिस्ट की 50 बड़ी कंपनियों- वॉलमार्ट, ऐप्पल और अमेजन आदि की कुल आमदनी से भी ज्यादा है। भारत में यह रकम देश के सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 3.1 प्रतिशत के बराबर है।
आखिर कौन करेगा भुगतान?
कुछ अर्थशास्त्रियों का सवाल है कि आखिर महिलाओं या गृहणियों को घरेलू काम के लिए भुगतान कौन करेगा? पतियों द्वारा भुगतान करना ‘अव्यावहारिक’ सा है क्योंकि इससे परिवार की अनिवार्य आय में वृद्धि नहीं हो रही है। सरकारें भुगतान इसलिए नहीं करेंगी क्योंकि उनका पैसा करदाताओं से आता है। ऐसे में इस व्यवस्था पर व्यावहारिक दृष्टिकोण बहद जरूरी है।
अदालतों ने भी दिए फैसले
चीन की एक अदालत ने 2021 में तलाक के एक मामले में व्यक्ति को पांच साल तक विवाह संबंध के दौरान पत्नी द्वारा किए गए घरेलू काम के बदले 5.65 लाख रुपए मुआवजे का आदेश दिया। इस फ़ैसले ने पूरी दुनिया को सोचने पर मजबूर किया। जनवरी 2021 में भारत की सर्वोच्च अदालत ने अपने एक फैसले में लिखा था कि “घर का काम परिवार की आर्थिक स्थिति के साथ राट्र की अर्थव्यवस्था में वास्तविक योगदान करता है।”
कार्य का मूल्यांकन जरूरी
महिलाएं खाना बनाने, कपड़े धोन, बच्चों की देखभाल, बुजुर्गों का ध्यान रखती हैं, वो भी सर्विस है और सीधे-सीधे उत्पादन से जुड़ी है। जब यह काम देश की आमदनी और देश को सेहतमंद रखने में योगदान देता है तो फिर काम का मूल्यांकन क्यों नहीं होना चाहिए?
– इंदिरा हीरवे, प्रोफेसर अर्थशास्त्र सेंटर फॉर डेवलपमेंट अल्टरनेटिव्स, अहमदाबाद

दुनिया में महिला-पुरुषों के अवैतनिक घरेलू कार्य (मिनट में)
देश महिला पुरुष
मैक्सिको 430 118
इराक 345 105
अमरीका 330 150
आस्टे्रलिया 300 180
भारत 29७ ३१
ताईवान 168 111
चीन 152 90
हांगकांग 150 70
नार्वे 148 110
जापान 130 11
स्रोत : आईएमएफ- आईएलओ (2020-21)

भारत में महिला-पुरुषों के अवैतनिक घरेलू कार्य (मिनट में)
राज्य महिला पुरुष
बिहार 366 40
बंगाल 322 34
उत्तर प्रदेश 301 29
दिल्ली 292 29
गुजरात 291 20
कर्नाटक 289 23
मध्य प्रदेश 287 30
महाराष्ट्र 277 21
राजस्थान 275 21
छत्तीसगढ़ 253 29

स्रोत : नेशनल स्टैटिस्टिकल ऑफिस (एनएसओ 2020)

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