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Social Media : सोशल मीडिया पर अच्छा दिखने-दिखाने के चक्कर में युवा डिप्रेशन के शिकार

– फेसबुक-इंस्टाग्राम पर ज्यादा सक्रियता कर रही बीमार- 49 फीसदी अधिक डिप्रेशन की आशंका सोशल मीडिया के आदी लोगों में – 60 फीसदी लड़कियां सुंदरता या फिटनेस पर निगेटिव कमेंट से परेशान

मुंबईOct 14, 2022 / 09:08 pm

arun Kumar

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अरुण कुमार
अगर आप सोते-जागते सोशल मीडिया पर बार-बार जा रहे हैं तो सावधान हो जाएं! अक्टूबर 2022 में प्रकाशित अलबामा विश्वविद्यालय के शोध- “सोशल मीडिया के उपयोग, व्यक्तित्व संरचना और अवसाद के विकास के बीच संबंध” में यह दावा किया गया है कि सोशल मीडिया का ज्यादा इस्तेमाल युवाओं को डिप्रेशन का शिकार बना रहा है। युवक और युवतियां अच्छा दिखने और दिखाने के चक्कर में फेसबुक, इंस्टाग्राम पर ज्यादा सक्रिय हो रहे हैं। ऐसे युवाओं में छह महीने के भीतर अवसाद के लक्षण दिखने लगते हैं। जर्नल ऑफ अफेक्टिव डिसॉर्डर रिपोट्र्स में प्रकाशित अध्ययन के अनुसार सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रिय रहने वाले लोगों में कम सक्रिय लोगों की अपेक्षा 49 फीसदी अधिक डिप्रेशन पाया गया। शोध में 18 से 30 वर्ष आयु के 1,000 से अधिक वयस्कों पर अध्ययन किया गया।
प्यू रिसर्च सेंटर के अध्ययन 2022 की मानें तो भारत ही नहीं दुनियाभर में लड़कियां सोशल मीडिया पर लड़कों से कही ज्यादा सक्रिय हैं। इसके चलते करीब 60 फीसदी लड़कियों को उत्पीडऩ झेलना पड़ता है और वे डिप्रेशन में रही हैं। इसके बावजूद अध्ययन में 49 फीसदी लड़कों की अपेक्षा 58 फीसदी लड़कियों ने माना कि उन्हें सोशल मीडिया छोड़ पाना मुश्किल लगता है।
बॉडी इमेज इश्यू से बढ़ी परेशानी
पिछले कुछ साल से सोशल मीडिया पर अच्छा दिखने और दिखाने का ट्रेंड तेजी से बढ़ा है। खासकर लड़कियां और महिलाएं बॉडी इमेज इश्यू को लेकर ज्यादा संवेदनशील हैं। अगर कोई उनकी सुंदरता या शरीरिक फिटनेस को लेेकर निगेटिव कमेंट करता है तो वे जल्दी डिप्रेशन में चली जाती हैं। टाइम्स जर्नल की स्टडी में हर 4 में से 1 युवा लड़की ने बॉडी इमेज इश्यू को माना है।
बढ़ती उम्र की बच्चियां ज्यादा प्रभावित
कैंब्रिज यूनिवर्सिटी के शोधकर्ता डॉ. एमी ओरबेन का मानना है कि कम उम्र की लड़कियां सोशल मीडिया का तेजी से शिकार हो रही हैं। उनके एक अध्ययन के अनुसार जिन लड़कियों ने 11 से 13 साल की उम्र के बीच सोशल मीडिया पर अधिक समय बिताया वह अन्य की अपेक्षा एक साल बाद अपनी लाइफ से कम संतुष्ट दिखीं। शोध के अनुसार लड़कियों पर लड़कों की अपेक्षा ज्यादा असर देखा गया।

60 फीसदी लड़कियां उत्पीडऩ की शिकार
भारत, अमरीका और ब्राजील समेत 22 देशों की 14 हजार लड़कियों पर किए किए गए अध्ययन में पाया गया कि सोशल साइट्स पर 60 फीसदी लड़कियां दुव्र्यवहार का शिकार हुईं। 39 प्रतिशत लड़कियां फेसबुक, 23 प्रतिशत इंस्टाग्राम, 14 प्रतिशत व्हाट्सएप तो 9 प्रतिशत लड़कियां ट्विटर पर उत्पीडऩ हुआ और वे डिप्रेशन का शिकार हुईं।

 

Social Media : सोशल मीडिया पर अच्छा दिखने-दिखाने के चक्कर में युवा डिप्रेशन के शिकार

बढ़ रही मेमोरी स्लिपिंग
सोशल मीडिया पर ज्यादा सक्रियता युवओं को मानसिक रूप से बीमार कर रही है। नींद चक्र खराब होने से मेमोरी स्लिपिंग बढ़ रही है। सुंदर और फिट दिखने-दिखने के चलते युवतियों की सक्रियता जितनी तेजी से बढ़ी है, मानसिक अवसाद भी उतने ही बढ़े हैं। ऐसे में सोशल मीडिया का उतना ही उपयोग उचित है जितना जरूरी हो।
– मनोज कुमार शर्मा, वरिष्ठ मनोचिकित्सक, निम्हांस, बेंगलूरु

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