बगबुड़वा गांव निवासी उत्तरा मरावी (45) आगर नदी पर बने बरछा एनीटक को पार कर उसके नीचे गोंदला की जड़ी औषधि निकालता और उसे बेचता था। रोज की तरह वह गुरुवार सुबह करीब 9.30 बजे अपनी पत्नी रामेश्वरी और 9 साल की बेटी अन्नपूर्णा के साथ वहां जा रहा था। एनीकट पार करते समय तेज बहाव में बच्ची का हाथ मां से छूट गया। उसे नदी में गिरते देख रामेश्वरी बचाने के लिए नीचे उतरी, लेकिन बहाव में फंस गई। दोनों को बचाने के लिए उत्तरा भी नदी में कूद पड़ा पर वह भी तेज बहाव में बह गया।
पत्नी और बेटी को पानी में बहता देख जब पिता ने छलांग लगाई तो वहां मौजूद ग्रामीण भी तीनों की मदद के लिए नदी में उतरे लेकिन वो किसी को बचा नहीं पाए। कुछ देर में महिला का शव जरूर पानी से बाहर निकाला। ग्रामीणों ने बताया कि बेटी और पिता तेज लहरों में कहीं गुम हो गए। फिलहाल उनकी तलाश जारी है। ग्रामीणों ने हादसे की सूचना पुलिस को दी। इसके बाद पुलिस के साथ ही गोताखोरों की टीम भी पहुंच गई। पिता-पुत्री को तलाश करने का प्रयास जारी है। अभी तक उनका कुछ पता नहीं चल सका है। पुलिस ने बताया कि हादसा बगबुड़वा गांव से करीब 4 से 5 किमी. दूर हुआ है।
एक ही परिवार के तीन सदस्यों के नदी में बह जाने की सूचना मिलते ही कलेक्टर अजीत बंसल और एसपी मौके पर पहुंचे। कलेक्टर ने बताया कि पीडि़त परिवार को चार लाख रुपए मुआवजा दिया जाएगा। फिलहाल महिला का शव बरामद हो गया है लेकिन गोताखोरों को पुरुष और बच्ची का शव नहीं मिला है। नदी का बहाव तेज होने के कारण रेस्क्यू अभियान में थोड़ी दिक्कत हो रही है।