मुंगेली

परिसीमन एवं आरक्षण पर टिकी सभी की नजरें

चुनाव: नगरीय निकाय चुनाव की तैयारी शुरू

मुंगेलीJul 11, 2019 / 12:01 pm

Murari Soni

परिसीमन एवं आरक्षण पर टिकी सभी की नजरें

मुंगेली. नगर निकाय चुनाव को लेकर शासन-प्रशासन की तैयारी तेजी से चल रही है। परिसीमन के उपरांत दावा आपत्तियों का दौर भी समाप्त हो चुका है। यही नहीं दावा-आपत्तियों को शासन को भेजा जा चुका है। यदि परिसीमन के साथ ही कई वार्ड के वोट दूसरे वार्ड में समायोजित हो जायेंगे। इससे कई दिग्गजों के समीकरण बिगडऩे के आसार हैं। वहीं परिसीमन के बाद आरक्षण की प्रक्रिया शुरू होनी है। वार्डों व अध्यक्ष पद के आरक्षण पर सभी की निगाहें टिकी हैं।
गौरतलब है कि नगरीय निकाय मुंगेली को अस्तित्व में आये 91 साल हो गये है। सन् 1928 में मुंगेली को ग्राम पंचायत से अपग्रेड कर सेनीटेशन कमेटी बनाया गया। इसके 11वें साल में सन् 1939 में जब इस इस कमेटी को नोटिफाइड एरिया का दर्जा मिला। उस समय सेनीटेशन कमेटी के प्रेसीडेंट केशवराव गोवर्धन थे और वे ही नोटिफाइड एरिया के प्रथम अध्यक्ष बने। स्वतंत्रता प्राप्ति के बाद सन् 1948 में केशवराव गोवर्धन के पद त्याग के बाद कालीचरण शुक्ल नोटिफाइड एरिया के नये प्रेसीडेंट चुने गये। 19 दिसम्बर 1949 को मुंगेली नोटिफाइड एरिया को नगर पालिका घोषित किया गया और कालीचरण शुक्ल नपा के प्रथम अध्यक्ष मनोनीत हुए। कालीचरण नगर पालिका के तीन साल तक अध्यक्ष रहने के बाद प्रथम बार मुंगेली नगर पालिका परिषद के 12 वार्डों में पार्षद तथा अध्यक्ष पद के लिए चुनाव सन् 1952 में सम्पन्न हुआ, जिसमें केशवराव गोवर्धन प्रथम निर्वाचित अध्यक्ष बने।
इस प्रकार से 91 साल पुराने मुंगेली नगरीय निकाय को नगर पालिका का दर्जा मिले 70 साल हो चुके हैं। 1928 में जब मुंगेली सेनिटेशन कमेटी बनी, तब इसकी जनसंख्या 4 हजार बताई जाती है। अभी 2011 की जनगणना के अनुसार अधिकृत रूप से यहां की आबादी 31,250 है, और इसी आधार पर अभी परिसीमन हुआ है। सन् 2004 के चुनाव के समय वार्डों की संख्या भी 12 से बढक़र 22 हो चुकी है। वर्ष 2011 की जनगणना के आंकड़ों के अनुसार 31,250 की जनसंख्या है, जिसमें 25,326 सामान्य वर्ग के, 5377 अनुसूचित जाति तथा 547 अनुसूचित जनजाति के नागरिक हंै। अब जब 2021 में जनगणना होना है, तभी जनसंख्या की सही जानकारी का आंकडा सामने आएगा। मगर अपुष्ट जानकारी के अनुसार सन 2013 में नगर की आबादी 55,756 थीं। ऐसे में समझा जा 22 वार्डों में फैल चुकी मुंगेली की आबादी 2011 से 2019 तक 10 सालों में कितनी बढ़ चुकी होगी। मुंगेली के जिला बनने के बाद क्ष़ेत्रफल के दृष्टिकोण से भी नगर का दायरा जनसंख्या वृद्धि के साथ लगातार बढ़ रहा है। बस्तियां नगर के बाहर कई किलोमीटर तक फैल चुकी हैं।
नये चुनाव के लिए चल रही प्रक्रिया में परिसीमन के प्रस्ताव को अगर आपत्तियों को दरकिनार कर तस का तस मान लिया गया तो मुंगेली के वार्डों का भूगोल व राजनीतिक तस्वीर काफी हद तक बदल जाएगी। परिसीमन के बाद तमाम विसंगतियों के साथ ही सभी वार्डों के आकार-प्रकार में एकरूपता आ जाएगी। इस परिसीमन के साथ ही कई वार्ड के वोट दूसरे वार्ड में समायोजित हो जायेंगे। इस कारण कई दिग्गज पार्षदों के वोट के समीकरण बदल जायेंगे और ये पार्षद अगर पुन: चुनावी रणभूमि में उतरते हैं तो नये मतदाताओं को साधना इनके लिए चुनौती रहेगी। हालॉकि अभी वर्तमान में नगर पालिका अध्यक्ष पद पर कांग्रेस की सावित्री सोनी तथा 22 पार्षदों में से 13 भाजपा तथा 9 कांग्रेस के पार्षद हैं।

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