जगह-जगह पूजा-अर्चना कर मनाई गई देव शिल्पी की जयंती
मुंगेलीPublished: Sep 18, 2018 06:02:25 pm
विश्वकर्मा जयंती
जगह-जगह पूजा-अर्चना कर मनाई गई देव शिल्पी की जयंती
मुंगेली. नगर में अनेक स्थानों पर भगवान विश्वकर्मा की प्रतिमा स्थापित कर विश्वकर्मा जयंती उत्साहपूर्वक एवं धूमधाम सें मनाई गयी। लंगर लगाकर पूजा का प्रसाद भी वितरित किया गया।
निर्माण कार्य से जुडे कारीगरों व श्रमिकों ने सोमवार को देवशिल्पी भगवान विश्वकर्मा की जयंती पर उनकी आराधना के साथ काम से अवकाश रखकर सभी औजारों का पूजन किया। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार थे। उन्होंने ही उड़ीसा में स्थित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की मूर्ति का निर्माण भी किया था। अश्विन मास के प्रतिपदा को विश्वकर्मा का जन्म हुआ था। यही एक ऐसा पूजा है जो सूर्य के पारगमन के आधार पर तय होती है। इसीलिए प्रत्येक वर्ष यह 17 सितम्बर को ही मनाया जाता है।
विद्युत ऑफिस में पूजे गए देवशिल्पी: भारतीय मजदूर संघ जिला मुंगेली ने बिजली ऑफिस मुंगेली प्रांगण में भगवान विश्वकर्मा की पूजा-अर्चना की। कार्यक्रम में जिलाध्यक्ष प्रभात पांडेय, उपाध्यक्ष राजेश पूरी गोश्वामी व जिला मंत्री रवि ठाकुर के नेतृत्व में हुआ। इस दौरान शत्रुघन सोनी, वीरेंद्र यादव व सुरेश कौशिक ने भी भगवान की पूजा कर कर्मचारियों के लिए आशीर्वाद मांगा। पूजा अर्चना में शिवकुमार राजपूत, विजय देवांगन, रामकुमार बैस लहरे, दिनेश सिंगसार, लव कुमार, शंकर राय, अमित शर्मा नरेंद्र सिन्हा, रविन्द्र यादव, रितेश केशरवानी, जागृता केरकेट्टा, पुष्पलता देवांगन, स्मिता व मजदूर संघ के लोग मौजूद थे।
सरगांव में भी विधि-विधान से की गई भगवान विश्वकर्मा की पूजा: सरगांव. शिल्पी देव विष्वकर्मा जंयती हर्षोल्ला के साथ मनाई गई। हाट बाजार मे सब्जी विक्रेताओं ने विश्वकर्मा देव की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की। इसी प्रकार ट्रांसपोर्ट व्यवसायी एवं चालक संघ ने अटल चौक मे विश्ववकर्मा महाराज की मूर्ति स्थापित कर पूजा अर्चना की। यहां विभिन्न स्थानों से आई मानस मंडलियों द्वारा देर रात्रि तक रामायण व भजन कीर्तन किया गया। मान्यता है कि भगवान विश्वकर्मा दुनिया के सबसे पहले इंजीनियर और वास्तुकार थे। उन्होंने ही उड़ीसा में स्थित भगवान जगन्नाथ, बलभद्र एवं सुभद्रा की मूर्ति का निर्माण भी किया था।