23500 कृषकों के खाते में भेजी गई प्रोत्साहन राशि
मुंगेलीPublished: Mar 18, 2019 10:21:23 am
चना उत्पादन पर प्रोत्साहन योजना
23500 कृषकों के खाते में भेजी गई प्रोत्साहन राशि
मुंगेली. संयुक्त संचालक कृषि (बजट) संचालनालय छग रायपुर के आदेशानुसार मुंगेली जिले को चना उत्पादन पर प्रोत्साहन योजना के तहत वर्ष 2018-19 के तहत रवि वर्ष 2017-18 में प्रदेश के किसानों द्वारा बोये गये, चना फसल पर प्रत्येक एकड़ 1500 रुपए के दर से प्रोत्साहन के राशि दिये जाने का निर्देश हैं। इसी क्रम में जिले में 23500 कृषकों को प्रोत्साहन राशि 3,52,52,000 रुपए तहसीलवार पुर्नावंटित करने के निर्देश दिए
गए हंै।
मुंगेली तहसील के 16 पटवारी हल्कों में वर्ग सामान्य 1, सामान्य 2, एवं अनुसूचित जाति वर्ग के 1, 1946 कृशकों के चना फसल के रकबा 4331.32 एकड़ में प्रोत्साहन राशि रुपए 6496980 व 14 हल्कों में सामान्य वर्ग 1, सामान्य वर्ग 2 व अनुसूचित जाति वर्ग 02 के 1853 सदस्यों को रकबा 3875.23 एकड़ में राशि 5812845 रुपए व 9 हल्के के 1448 कृषकों के 4148.26 एकड़ रकबा में प्रोत्साहन राशि 62,22,390 रुपए तथा 13 पटवारी हल्कों के 2478 कृषकों के 4662.31 एकड़ रकबा में प्रोत्साहन राशि 69,93,465 रुपए दी गई है। इस तरह मुंगेली तहसील में 7734 कृषकों को 2,55,25,680 रुपए प्रोत्साहन के राशि दी गई है। मुंगेली तहसील में वर्ग के अनुसार सामान्य वर्ग के 3620 कृषकों को 1,39,20,300 रुपए, अनुसूचित जाति के 3956 कृषकों को 1,12,12,665 रुपए एवं अनुसूचित जनजाति के 158 कृषकों को 3,92,715 रुपए प्रोत्साहन राशि दी गई है। इनमें से 1,35,54,930 रुपए की प्रोत्साहन राशि जिला सहकारी बैंक के 5 शाखाओं में पहुंच गई है। सहकारी बैंक के मुंगेली शाखा में 1644 कृषकों की 65,97,495 रुपए, कंतेली के 252 कृषकों की प्रोत्साहन राशि 8,66,580 रुपए, पंडरभटठ के 631 कृषकों की प्रोत्साहन राशि 26,12,130 रुपए, सेतगंगा शाखा के 698 कृषकों की प्रोत्साहन राशि 29,59,290 रुपए एवं जरहागांव शाखा में 73 कृषकों की प्रोत्साहन राशि 2,09,460 रुपए किसानों के खाते में पंहुच गई है। वहीं 97 कृषकों के प्रोत्साहन की राशि 3,09,975 खाता नम्बर गलत होने से नहीं पहुंच सकी है। इसके लिये सही खाता नम्बर मांगा जा रहा है। शासन द्वारा दी जा रही सुविधाओं में किसानों को तहसील कार्यालय और बैंक का चक्कर लगाने की स्थिति आमतौर पर देखी जा रही है, जिसकी वजह किसानों के खाते का सही नम्बर दर्ज नहीं होना होता है और बैंक अधिकारियों ने बताया कि जिस बैच के 1 किसान का खाता नम्बर गलत होता है तो पूरे बैच में दर्ज किसानों की राशि खाते में नहीं जा पाती और वहीं तहसील स्तर में किसानों से यह कह दिया जाता है कि राशि बैंक भेज दी गई है। वहां से राशि प्राप्त करे। खाता गलत नम्बर दर्ज होने के पीछे कभी किसानों की गलती होती है तो कभी सांख्यिकी बनाने वाले कर्मचारियों की। इससे किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ता है।