अलग अलग राज्यों में विकट परिस्थितियों में मातृभूमि की सेवा करने वाले सैनिक आज अपने अधिकार के लिए भटक रहे हैं। 15 वर्ष से ज्यादा देश के विभिन्न जगहों पर घर से दूर रहकर कभी माइनस 60 डिग्री तो कभी 50 डिग्री टेम्प्रेचर में मातृभूमि की सेवा करते हैं। इन्हीं कारणो से देश सेवा कर लौटने वाले सैनिकों को 5 एकड़ जमीन देने का प्रावधान है, लेकिन इनती विकट परिस्थिति में देश सेवा करने वाले सैनिकों को आज अपने ही अधिकार के लिए अधिकारियों के चक्कर काटना पड़ रहा है। कोई 1980 से देश सेवा करके आऐ है तो कोई 1990 से लेकिन अभी तक उनको जमीन नही मिला है।
एक ऐसे ही सैनिक सोनसिंह है जो 15 वर्ष देश सेवा कर घर लौटे है। वे 2009 में लौट आये। शासन के मापदण्ड के अनुसार उसे 12 एकड़ जमीन मिलना है। उन्होने पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर ग्राम सुकली में खसरा नंबर 434/1 रकबा 15.12 एकड में से 5 एकड़ जमीन का पूरा कागजात जिला कलेक्टर को सौंपा
गया, बकायदा ग्रामसभा का प्रस्ताव हुआ है जिसमें किसी भी प्रकार की आपत्ति नही होना बताया गया है।
वे अब मुंगेली जिले के अब तक आये तीनो कलेक्टर से मिलकर समस्या का हल निकाल कर आवंटन करने की गुहार लगा चुके है। साथ ही सोनसिंह प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से भी मिलकर आंवटन कराने संबधी मांग कर चुके हैं। भूतपूर्व सैनिक अपने ही अधिकार पाने के लिए विगत 10 वर्षों से कलेक्टर एवं एसडीएम कार्यालयों के चक्कर काट रहा है। कोई जम्मू तो कोई पंजाब, तो कोई असम-क्षेत्र में युवा वर्ग देश सेवा के करने के लिए उत्साहित है। कोई कर रहा है तो कोई करके वापस आ गया। जहां पर आम आदमी जाने के लिए सोच भी नहीं सकता, उन जगहों पर वे डटे रहते थे। किसी ने पहाड़ चढ़ा है तो किसी ने चमकती रेत पर अपनी सेवा दी है। असम के घनघोर जंगलों में देश की सेवा करते हैं, लेकिन विकट परिस्थितियों में देश की सेवा करने वाले सैनिको को उनके हक की जमीन नहीं मिल रहा है।
इन्हें नहीं मिली जमीन
ग्राम झाफल निवासी हवलदार कांति कुमार, नायक सोन सिंह राजपूत, रघनंदन सिंह, दिलीप सिंह, संतोष कुमार साहू, रामनिवास राठौर, दिनेश सिंह राजपूत, मनोज कुमार साहू, कमल नारायण साहू व दीपक कुमार पाण्डेय सहित क्षेत्र के अनेक सैनिक हैं, जो अपना ही हक पाने के लिए अधिकारियों के चक्कर काट रहे है।
एक सैनिक जमीन पाने 10 वर्षों से भटक रहा तो दूसरे हालत देख नहीं जुट पा रहे हिम्मत
राजपूत रेजीमेंट की पन्द्रहवी बटालियन सोनसिंह राजपूत की पोस्टिंग 1994 में कश्मीर के लेह लद्दाख क्षेत्र की सियाचिन ग्लेशियर में हुआ था। जहां पर आज भी माइनस 60 डिग्री तापमान होता है। उन्होंने पाकिस्तान व चीन बार्डर सहित विभिन्न जगहों पर देश की सेवा कर 15 वर्ष बाद अपने घर 2009 में लौट आये। शासन के मापदण्ड के अनुसार उसे 12 एकड़ जमीन मिलना है। उन्होंने पूरी प्रक्रिया पूर्ण कर ग्राम सुकली में खसरा नंबर 434/1 रकबा 15.12 एकडत्र में से 5 एकड़ जमीन का पूरा कागजात जिला कलेक्टर को सौंपा गया।
वे अब मुंगेली जिले के अब तक आये तीनों कलेक्टर से मिलकर समस्या का हल निकाल कर आवंटन करने की गुहार लगा चुके है। साथ ही सोनसिंह प्रदेश की पूर्व मुख्यमंत्री डॉ.रमन सिंह से भी मिलकर आंवटन कराने संबधी मांग कर चुके हैं। भूतपूर्व सैनिक अपने ही अधिकार पाने के लिए विगत 10 वर्षों से कलेक्टर एवं एसडीएम कार्यालयों के चक्कर काट रहे है। सोन सिंह उपर अधिकारियों के बर्ताव को देखते हुये दूसरे सैनिक जो पेंशनर बनकर आए हंै, वे अपनी जमीन पाने के लिए हिम्मत नहीं जुटा पा रहे हैं।