अफसरों को दी गई क्षेत्र के बारे में जानकारी
मुंगेलीPublished: Nov 16, 2018 04:56:56 pm
पुलिस अधीक्षक ने चुनाव कराने बाहर से आई फोर्स के अधिकारियों की ली बैठक
अफसरों को दी गई क्षेत्र के बारे में जानकारी
मुंगेली. पुलिस अधीक्षक कार्यालय के संवाद सभाकक्ष में पुलिस अधीक्षक मुंगेली पारूल माथुर की अध्यक्षता में विणानसभा चुनाव 2018 के लिए बाहर से आये हुए 21 कंपनियों के अधिकारियों की बैठक आयोजित की गई।
बैठक में पुलिस अधीक्षक माथुर ने जिले के क्षेत्रों के बारे में जानकारी दी तथा ड्यूटी के संबंध में चर्चा की। इस अवसर पर आईटीबीपी कमांडेंट प्रशांत पंत, एमपीएसए कमांडेंट सूरज, आरपीएफ कमांडेंट आरएस चौहान, बीएसएफ डिप्टी कमांडेंट एके सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक मुंगेली ज्योति सिंह, अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक लोरमी सीडी तिर्की, अनुविभागीय अधिकारी पुलिस मुंगेली तेजराम पटेल, उप पुलिस अधीक्षक मुख्यालय मुंगेली नवनीत कौर छाबड़ा एवं मोनिका सिंह परिहार सहित उप पुलिस अधीक्षक अजाक मुंगेली उपस्थित रहे।
स्वतंत्र, पारदर्शी निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी
मुंगेली. मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी कार्यालय प्रदेश में सुगम, सुघ्घर और समावेशी निर्वाचन के लिए पूरी प्रतिबद्धता के साथ तैयारियों को अंतिम रूप देने में लगा हुआ है। विधानसभा निर्वाचन के दौरान मीडिया के गलत उपयोग को रोकने आयोग ने व्यापक तैयारियां की हैं। इलेक्ट्रॉनिक और सोशल मीडिया के साथ ही प्रिंट मीडिया में राजनीतिक विज्ञापनों के दुरुपयोग को रोकने के लिए व्यापक दिशा-निर्देश दिए गए हैं। दूसरे चरण के मतदान के दिन 20 नवम्बर को और उसके एक दिन पहले 19 नवम्बर को राजनीतिक विज्ञापनों के प्रकाशन के पूर्व जिला अथवा राज्य स्तरीय मीडिया प्रमाणन समिति से विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन अनिवार्य किया गया है।
केन्द्रीय निर्वाचन आयोग से इस सम्बंध में जारी परिपत्र की जानकारी देते हुए मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी ने बताया कि 20 नवंबर को होने वाले दूसरे चरण के मतदान के दिन तथा उसके पहले दिन 19 नवंबर को कोई भी प्रत्याशी, राजनीतिक दल अथवा अन्य कोई संगठन राजनीतिक विज्ञापन प्रिंट माध्यमों में प्रकाशित करने के पूर्व मीडिया प्रमाणन समिति से पूर्व प्रमाणन सुनिश्चित करेंगे। इसके लिए केन्द्रीय निर्वाचन आयोग ने जिला तथा राज्य मीडिया प्रमाणन समिति को प्रमाणन के लिए प्राप्त आवेदन पर त्वरित निर्णय लेने के निर्देश दिए हैं। जारी परिपत्र में आयोग ने कहा है कि भ्रमित करने वाले विज्ञापनों के प्रकाशन के बाद वे दल अथवा प्रत्याशी जो इससे प्रभावित होते हैं, उनके पास किसी भी प्रकार की सफाई अथवा खंडन का अवसर नहीं होता। ऐसे में स्वतंत्र, पारदर्शी और निष्पक्ष निर्वाचन के लिए विज्ञापनों का पूर्व प्रमाणन जरूरी है।